
कोरोना ने तलाक होने से बचाया, बीमारी में सेवा करके पति ने पत्नी का जीता दिल, जज ने दोनों को आशीर्वीद देकर भेजा
लखनऊ. शादी के दूसरे दिन ही एक जोड़े में अनबन हुई, तलाक का मुकदमा अदालत में पहुंच गया। फिर कोरोना के दौरान दोनों एक बार फिर आपस में मिले। दोनों के बीच लंबे समय से चली आ रही गलतफहमियां दूर हुईं और दोनों फिर से एक हो गए। यह पूरी कहानी फिल्मी नहीं बल्कि लखनऊ शहर के रिया और हिमांशु की हकीकत है।
शादी के दूसरे ही दिन हुए थे अलग
दरअसल लखनऊ के हिमांशु और रिया की शादी 23 फरवरी 2018 को हुई थी। शादी के दूसरे ही दिन रिया और हिमांशु अलग हो गए। इसके बाद दोनों ने करीब 2 साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। इस दौरान दोनों के वकीलों ने भी इनके बीच की दूरियां कम कराईं और आखिरकार रिया और हिमांशु के गिले-शिकवे दूर हो गए। प्रिंसिपल जज पारिवारिक न्यायालय जे.के. सिंह ने तलाक का मुकदमा खत्म करके दोनों को अपने चेंबर में बुलाया। फिर जज ने दोनों को आशीर्वाद देकर खुशी-खुशी घर भेजा।
परिवार वाले शादी के थे खिलाफ
पारिवारिक न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पदम कीर्ति ने बताया 23 फरवरी 2018 को रिया और हिमांशु की शादी हुई, लेकिन दोनों के परिवार वाले इस शादी के खिलाफ थे। शादी के दूसरे ही दिन रिया के पिता ने न केवल उसे हिमांशु के घर जाने से मना कर दिया बल्कि उससे बातचीत भी बंद करा दी।
पत्नी की सेवा करके जीता दिल
फिर 2019 में रिया के पिता ने फैमिली कोर्ट में तलाक का मुकदमा दाखिल करा दिया। मार्च 2020 में कोरोना के चलते हिमांशु लखनऊ आ गया और वर्क फ्राम होम करने लगा। इस बीच दोनों की फिर से मुलाकात हुई और तब दोनों में फिर से नजदीकियां बढ़ने लगीं। इस बीच अचानक रिया की तबीयत खराब हो गई तो हिमांशु ने उसकी काफी सेवा की। यह बातें रिया ने अपनी एडवोकेट विजया और हिमांशु ने अपने एडवोकेट सौरव सिंह को बताई। इस पर दोनों वकीलों ने उन्हें मुकदमा वापस लेकर साथ रहने की सलाह दी।
Updated on:
14 Oct 2020 10:34 am
Published on:
14 Oct 2020 10:29 am
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