
varanasi metro
लखनऊ। मेट्रो मैन ई श्रीधरन ने मंगलवार को राजधानी पहुँच कर लखनऊ मेट्रो के संचालन का जायज़ा लिया था। इसके साथ ही नई मेट्रो पालिसी आने के बाद प्रदेश के अन्य शहरों के डीपीआर को कैसे रिवाइज किया जाए इस पर लखनऊ मेट्रो के आला अधिकारीयों के साथ मंथन किया। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के सांसदी क्षेत्र वाराणसी में मेट्रो प्रोजेक्ट पर अपने सुझाव दिए। श्रीधरन ने डीपीआर तैयार कर रही संस्था राइट्स को दिसंबर तक नया डीपीआर तैयार करने को कहा है। लगभग एक महीने पहले दिल्ली में आयोजित बैठक में 6 डीपीआर पर पुनर्विचार करने को कहा था जबकि कानपुर और वाराणसी को संशोधित करने को कहा था।
कम होगी कॉरिडोर की लम्बाई
पुराने डीपीआर में वाराणसी मेट्रो की पहली लाइन 19.35 किलोमीटर की थी जिसमें 17 स्टेशन थे जबकि दूसरी लाइन 9.8 किलोमीटर की थी जिसमें 9 स्टेशन प्रस्तावित थे। जानकारी के मुताबिक़ मेट्रो मैन ने वाराणसी मेट्रो के इन कॉरिडोर की लम्बाई कम करने को कहा गया है। दोनों लाइन को मिलाकर लगभग 31 किलोमीटर का रुट निर्धारित किया गया था जो कि अब नए डीपीआर में 26 किलोमीटर के आसपास लाया जाएगा।
अंडरग्राउंड रुट की जगह होगा एलवटेड रुट
पुराने डीपीआर में सक्रिय गली और ऐतिहासिक इमारतों के चलते कई जगह अंडरग्राउंड रुट प्रस्तावित था। पहली लाइन पर बीएचयू से भोजूबीर (13 स्टेशन) तक अंडरग्राउंड और दूसरी लाइन पर बेनिया से जलालीपुरा (4 स्टेशन ) तक अंडरग्राउंड प्रस्तावित था। जानकारों का मानना है कि राज्य सरकार की ओर से प्रोजेक्ट कॉस्ट घटाने की बात कही गयी थी जिसके बाद अब इन 17 स्टेशनों में से अधिकतर को एलिवेटेड करने को कहा गया है। सूत्रों का कहना है कि स्पष्ट निर्देश हैं कि कम से कम हिस्सा अंडरग्राउंड रखा जाए।
लखनऊ मेट्रो के एक आला अधिकारी ने बताया कि ई श्रीधरन ने वाराणसी मेट्रो के डीपीआर में संशोधन करने के सुझाव दिए हैं। राइट्स को दिसंबर 2017 तक सभी ज़रूरी बदलाव कर नए डीपीआर को तैयार करने को कहा गया है।
Published on:
11 Oct 2017 07:56 pm
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