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SGPI ने खोजा थायरोईड कैंसर का सटीक इलाज,नहीं जाना होगा दिल्ली,मुंबई लखनऊ में मिलेगी सुविधा

-एसजीपीजीआई ने खोजा थायराइड कैंसर का सटीक इलाज-नहीं जाना होगा दिल्ली,मुंबई लखनऊ में मिलेगी सुविधा

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लखनऊ

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Ruchi Sharma

Jul 21, 2019

SGPGI

कैंसर, ट्यूमर मरीजों के लिए बड़ी खुशखबरी, जरूरत नहीं होगी ऑपरेशन की, डॉक्टर ने निकाला सबसे सरल इलाज

लखनऊ. कैंसर (cancer) और थायराइड (thyroid) जैसी भयानक बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए अच्छी खबर है। एसजीपीजीआई (SGPGI) के डॉक्टरों ने थायराइड और कैंसर बीमारी का सटीक इलाज खोज निकाला है। इसके लिए अब आपको किसी भी तरह के बड़े ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी और ना ही इन बीमारी के लिए आपको मुंबई और दिल्ली जैसे शहर के चक्कर लगाने होंगे। इसका आसानी से इलाज लखनऊ के अस्पताल एसजीपीजीआई में ही मिल जाएगा। अब दो सेंटीमीटर से बड़े कैंसर वाले मरीजों की इंडोस्कोपिक सर्जरी हो सकेगी। इस सर्जरी से गले पर निशान पड़ने का डर भी नहीं रहेगा। यह सुविधा लखनऊ के अस्पताल एसजीपीजीआई में ही मिल सकेगी। इस तरह 10 सेंटीमीटर तक के ट्यूमर का भी आसानी से ऑपरेशन किया जा सकेगा। इस सर्जरी को शुरू किया है एसजीपीजीआई के एसोसिएट प्रोफेसर ज्ञान चंद ने।

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सर्जरी से नहीं पड़ेगा गले पर निशान

एसजीपीजीआई में थायराइड कैंसर से पीड़ित मरीजों की सर्जरी की जा रही है। हर महीने करीब 15 से 20 मरीजों की सर्जरी होती है। इसमें इंडोस्कोपी सर्जरी अभी तक ही मरीजों की होती रही है, जिनका कैंसर ग्रस्त इलाका सिर्फ 2 सेंटीमीटर तक है। इससे बड़े कैंसर ग्रस्त इलाके वाले मरीजों की सर्जरी के लिए ओपेन तकनीक अपनाई जाती है। ऐसे में मरीज के गले पर निशान पड़ जाता है, लेकिन अब 4 सेंटीमीटर से बड़े कैंसर वाले मरीजों की भी इंडोस्कोपी सर्जरी एसजीपीजीआई में शुरू हो गई है। यहां के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ज्ञान चंद्र ने 5 मरीजों में यह प्रयोग किया है। इनका कैंसर ग्रस्त इलाका करीब 4 सेंटीमीटर से अधिक था इस तकनीक से की गई सर्जरी में गले पर निशान भी नहीं पड़े और मरीज कुछ दिन बाद ठीक हो गया।

ऐसे होती है सर्जरी


सर्जरी के दौरान इंडोस्कोप को जबड़ों के पास से चमड़ी के नीचे से होते हुए कैंसर ग्रस्त अथवा ट्यूमर ग्रस्त इलाके तक ले जाते हैं। वहां आहार नली और श्वास नली को नहीं छुआ जाता है। मसूड़े के पास 1 सेंटीमीटर का चीरा लगा इंडोस्कोप प्रवेश कराया जाता है।

इग्लैंड जाकर ली थी ट्रेनिंग

डॉक्टर ज्ञानचंद बताते हैं कि अभी तक 5 सेंटीमीटर तक के ट्यूमर के लिए ओपन सर्जरी होती थी। इंडोस्कोपिक से ही 10 सेंटीमीटर तक के ट्यूमर को निकालने में सफलता मिली है। इसके लिए उन्होंने इंग्लैंड जाकर ट्रेनिंग ली थी वह रोबोटिक सर्जरी का भी ट्रेनिंग ले चुके हैं।