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सरकार की नजर में जीएसटी से राहत, पर व्यापारी बोले GST ने बना दिया मुनीम

सरकार की नजर में जीएसटी से व्यापारियों को राहत मिली है और व्यापारियों ने बताया कि जीएसटी ने मुनीम बना दिया।

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effect of gst on indian business man after one year

सरकार की नजर में जीएसटी से राहत, पर व्यापारी बोले GST ने बना दिया मुनीम

लखनऊ. भारत में जीएसटी लागू हुए 1 जुलाई 2018 को पूरा एक साल होने जा रहा है। जीएसटी को लेकर भारत सरकार द्वारा बताया जा रहा है कि इसे लागू करने से व्यापारियों राहत मिली है तो वहीं व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी लागू होने से साल भर में ही उनका धंधा पूरी तरह से चौपट हो गया है और बताया कि जीएसटी के कारण सभी व्यापारी केवल मुनीम बनकर रह गए हैं। धंधे का पूरा समय तो इसकी लिखा पढ़ी में ही निकला जा रहा है। जिससे व्यापारियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी बताते हैं कि जीएसटी से व्यापारियों को लाभ मिला है और कई समस्याएं भी दूर हुई हैं।

सरकार का था एकीकृत कर प्रणाली लाने के उद्देश्य

बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने देश भर में एकीकृत कर प्रणाली लाने के उद्देश्य से 1 जुलाई 2017 को वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी लागू की थी। जिसका व्यापारियों द्वारा जमकर विरोध किया गया था तो इस पर सरकार ने कहा था कि शुरुआती दौर में व्यापारियों को अगर कोई कमी नजर आती है तो उन कमियों को सरकार को बताएं, जिससे उसमें सुधार किया जा सके। वहीं व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी प्रणाली की खामियां सरकार सालभर में भी दूर नहीं कर पाई है। उनका कहना है कि जीएसटी एक उत्तम प्रणाली है फिर साल भर के भीतर सरकार को इस में 150 से 200 बार संशोधन क्यों करना पड़ा। जीएसटी से आज भी रिटर्न दाखिल करने में व्यापारियों के पसीने छूट रहे हैं। जीएसटी पोर्टल की खामियां आज भी पूपरी तरह से दूर नहीं हो पाई है कि बिल समेत अन्य प्रोफार्मा को भी डाउनलोड करना बड़ी टेढ़ी खीर जैसा लग रहा है।

जीएसटी सिस्टम को अच्छी से नहीं समझ पाए व्यापारी

जीएसटी लागू करने में जल्दबाजी से कई तरह की खामियां रह गई है। जिसमें व्यापारी 1 साल में भी इस सिस्टम को अच्छी तरह से नहीं समझ पाये हैं। इस कानून के सरलीकरण के लिए जो प्रयास होने चाहिए थे वह भी नहीं हो सक। खास तौर पर तकनीकी खामियां व्यापारियों की परेशानी की सबसे बड़ी वजह बन गई जिसे अभी तक दूर नहीं किया जा सका है।

संसाधनों की कमी से छोटे व्यापारी ज्यादा परेशान

जीएसटी से सबसे अधिक परेशान छोटे व्यापारियों को हो रही है। संसाधनों की कमी के चलते उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हर महीने रिटर्न दाखिल करने के झंझट से छुटकारा मिलना चाहिए था और 3 माह में रिटर्न दाखिल करने की व्यवस्था को लागू करना चाहिए था। जिससे व्यापारियों को कुछ सहूलियत मिल जाती लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

परेशान हो रहे हैं व्यापारी

जीएसटी से संबंधित तकनीकी दिक्कतों को दूर किए जाने से पूरे साल व्यापारी वर्ग परेशान रहता है इस प्रणाली में सभी कार्य ऑनलाइन किए जाने से व्यापारी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लिखा पढ़ी में की प्रकार की समस्याएं बढ़ गई है वह अब मुनीम वन कर रह गए हैं। व्यापारियों को विश्वास के लिए बगैर जीएसटी लागू करने की वजह से सरकार को बार-बार कानून में संशोधन करना पड़ रहा है।

व्यापारियों की दिक्कतें दूर करने में रुचि नहीं ले रही सरकार

व्यापारियों के बगैर जीएसटी लागू करने का नतीजा है कि 1 साल में जीएसटी कानून में कई बार संशोधन करना पड़ा है। वहीं जीएसटी संबंधी लिखा-पढ़ी में उलझने से व्यापारी अपने धंधे पर फोकस नहीं कर पा रहे हैं। इससे धंधे में 75 % से अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। तकनीति परेशानियां भी व्यापारियों के लिए आफत बन गई है।