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15 लाख खर्चने पर भी न वजन घटा, न सुंदरता बढ़ी…महिला आयोग पहुंचा अनूठा मामला

Unique Complaint:एक महिला ने ब्यूटी पार्लर कंपनी के खिलाफ राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। महिला का आरोप है कि 15 लाख रुपये खर्च करने के बाद भी न उनकी सुंदरता बढ़ी और न उनका वजन ही कम हुआ। राज्य महिला आयोग पहुंचा ये अनूठा मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

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लखनऊ

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Naveen Bhatt

Nov 16, 2024

A woman's beauty did not increase even after spending Rs 15 lakh

सुंदरता बढ़ाने और वजन घटाने में धोखाधड़ी की शिकायत महिला आयोग में दर्ज हुई है

Unique Complaint:15 लाख रुपये खर्च करने के बाद भी एक महिला की सुंदरता नहीं बढ़ी। न उनका वजन ही कम हुआ। ये अनूठा मामला उत्तराखंड के देहरादून में सामने आया है। यहां नत्थनपुर निवासी एक महिला ने राज्य महिला आयोग की शरण ली है। शिकायत में महिला ने बताया कि वह साल 2021 में कंपनी में वजन कम कराने गईं थी। उनका वजन 85 किलो था। कंपनी ने दावा किया था कि एक साल में वजन 25 किलो तक घट जाएगा। बताया गया कि वजन कम होने पर त्वचा ढीली पड़ जाएगी, जिसके लिए अलग थैरेपी होगी। कई तरह की त्वचा और वजन घटाने की कई थैरेपी के बावजूद कोई खास फायदा नहीं हुआ। उनकी सुंदरता में निखार नहीं आया और न उनका वजन ही कम हो पाया। तब जाकर उन्हें ठगी का एहसास हुआ।

15 लाख में कम हुआ पांच किलो वजन

महिला के मुताबिक वजन घटाने और सुंदरता बढ़ाने के लिए किए गए उस ट्रीटमेंट के एवज में उन्होंने कंपनी को 15 लाख रुपये भुगतान किया। वहीं दूसरी ओर कंपनी के अनुसार महिला ने कुल 12.91 लाख दिए थे। आयोग में काउंसलिंग के दौरान कंपनी के सेक्टर हेड ने बताया कि थैरेपी से महिला के चेहरे पर जलन-खुजली की समस्या हो गई। महिला का पांच किलो तक वजन भी कम हुआ। इस बीच महिला को कोविड हो गया। इसके चलते उनका ट्रीटमेंट कारगर नहीं हो पाया। इसी के चलते महिला ने राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी।

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आठ लाख मुआवजा देने के आदेश

राज्य महिला आयोग ने पीड़िता और कंपनी की काउंसिलिंग कराई। काउंसिलिंग के दौरान पीड़िता ने कंपनी से 25 लाख रुपये मुआवजे मांग उठाई थी। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल के मुताबिक महिला 25 लाख रुपये मांग रही है। समझौते के बाद कंपनी आठ लाख रुपये लौटाने को राजी हुई है। वहीं कंपनी ने दस्तावेजों में ऐसा दावा किया है तो कंज्यूमर फोरम में शिकायत दायर की जा सकती है। सेक्शन टू-डी के तहत सेवा में कमी साबित होने पर जुर्माने का प्रावधान है।