
FIR registered in 50 cases in conversion law
लखनऊ. FIR registered in 50 cases in conversion law. उत्तर प्रदेश में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए बनाए गए कानून सात महीने हो चुके हैं। प्रदेश में अब तक धर्मांतरण के 50 मामले सामने आ चुके हैं। हर महीने प्रदेश भर में सात शिकायतें धर्मांतरण की मिलते हैं। सबसे ज्यादा मामले मेरठ जोन में दर्ज किए गए हैं। यूपी एटीएस के द्वारा मूक बधिर बच्चों और महिलाओं का धर्मांतरण कराने वालों की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर उत्तर प्रदेश में गैर-कानूनी ढंग से धर्मांतरण को रोकने के लिए बनाए गए कानून की चर्चा शुरू हो गई है।
50 मामलों में एफआईआर दर्ज
प्रदेश सरकार ने 27 नवंबर, 2020 को विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश लागू किया था। डराकर, धमकाकर, शादी का लालच देकर हो रहे धर्मांतरण को रोकने के लिए बनाए गए इस कानून के तहत दर्ज 50 एफआईआर में सबसे ज्यादा 12 एफआईआर मेरठ जोन में, 10 बरेली जोन, सात गोरखपुर जोन में दर्ज हुई हैं। 50 मामलों में 22 मामलों में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। तीन मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगाई गई है। 25 मामलों की विवेचना जारी है। अब तक 78 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें से पांच ने कोर्ट में सरेंडर कर किया है। 67 आरोपी जेल में बंद हैं, जबकि 16 जमानत पर बाहर चल रहे हैं। फिलहाल 25 आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
कानून बनने के बाद निष्पक्ष कार्रवाई
सात महीने में धर्मांतरण के 50 मुकदमे किए जा चुके हैं। हर महीने सात मामले सामने आने पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि कानून बनने के बाद की निष्पक्ष कार्रवाई की जा रही है। पुलिस के विवेचना में नामजद आरोपियों में 16 ऐसे भी थे जो गलत नामजद किए गए। विवेचना के बाद उन्हें क्लीन चिट दे दी।
Published on:
28 Jun 2021 10:46 am
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
