16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पब्लिक प्लेस कर कब बंद होगा सिगरेट पीना? आग की वजह बन रही है सिगरेट

मंगलवार सुबह करीब सवा दस बजे एसजीपीजीआई की बाउंड्री के अंदर जंगलों में आग लग गयी। जिससे लोगों में हड़कम्प मच गया। मौके पर पहुंची दमकल की दो गाड़ियों ने आग पर बहुत जल्दी काबू पा लिया।

2 min read
Google source verification

image

Rohit Singh

Apr 12, 2016

cigrate

cigrate

लखनऊ.
मंगलवार सुबह एक सिगरेट की वजह से दो जगह आग लग गयी। एक एसजीपीजीआई में और दूसरा स्वास्थ्य भवन में। सिगरेट स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक तो है ही, वहीं इस मौसम में इसकी एक चिंगारी किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है।


पीजीआई में लगी आग

मंगलवार सुबह करीब सवा दस बजे एसजीपीजीआई की बाउंड्री के अंदर जंगलों में आग लग गयी, जिससे लोगों में हड़कम्प मच गया। मौके पर पहुंची दमकल की दो गाड़ियों ने आग पर बहुत जल्दी काबू पा लिया। ये तो कहिये समय से आग बुझा ली गयी, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।


प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक़, उदवत खेड़ा गांव का निवासी युवक पीजीआई के बाउंड्री के किनारे खड़े होकर सिगरेट पी रहा था। जिसके बाद उसने सिगरेट बाउंड्री के उस पार पीजीआई के जंगल में फेंक दी। 10 मिनट बाद जंगल में आग लग गयी। इसके बाद आग उठती देख सिगरेट पीने वाला युवक भाग खड़ा हुआ। लोगों ने तुरंत फायर बिग्रेड को फ़ोन किया। मौके पर पहुंची फायर बिग्रेड की गाड़ियों ने आग पर काबू पा लिया।


एसजीपीजीआई प्रशासन ने बताया कि फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है और जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है।


स्वास्थ्य भवन के जर्जर भवन में लगी आग

स्वास्थ्य भवन में मंगलवार को मुख्य भवन के पीछे जर्जर भवन में बेकार रखे उपकरणों के रूम में आग लग गई। आग की लपटें उठते देख वहां हड़कंप मच गया। इसकी सूचना फायर बिग्रेड को दी गई, लेकिन समय रहते ही कर्मचारियों ने फायर सिसटम से आग बुझा ली। आशंका जताई गई कि किसी ने जलता सिगरेट कमरे में फेंक दिया था।


सबको लेनी होगी शपथ

केंद सरकार के तम्बाकू नियंत्रण अभियान के स्टेट कंसल्टेंट सतीश त्रिपाठी ने बताया कि कोटपा क़ानून लखनऊ जिले में लागू है, जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर तम्बाकू जनित पदार्थों का सेवन क़ानून के उल्लंघन के तहत आता है। इस क़ानून के तहत लखनऊ में हर हफ्ते 18 से 20 हजार का चालान कटता है, लेकिन ये केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि सार्वजनिक स्थलों पर काम कर रहे सभी कर्मचारियों की जिम्मेदारी है कि वह तम्बाकू जनित पदार्थों का प्रयोग करते देख व्यक्ति का तुरंत चालान काटें।