
यूपी में कमर्शियल बिजली का 30 रुपए महंगा होगा फिक्स्ड चार्ज, कंपनियों ने तैयार किया प्रस्ताव, उपभोक्ताओं पर बढ़ेगा बोझ
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों ने वाणिज्यिक (कामर्शियल) विद्युत उपभोक्ताओं के फिक्स्ड चार्ज में बदलाव प्रस्तावित कर दिया है। चार किलोवाट तक फिक्सड चार्ज का दर जो प्रति किलोवाट 330 रुपए प्रति माह था उसे 360 रुपए प्रति माह प्रस्तावित किया गया है। इन उपभोक्ताओं पर प्रति किलोवाट 30 रुपए प्रतिमाह का अतिरिक्त भार बढ़ जाएगा। इस प्रस्ताव के स्वीकृत होने पर चार किलोवाट तक फिक्स्ड चार्ज वाले कामर्शियल उपभोक्ताओं पर बिजली बिल का बोझ बढ़ जाएगा।
पावर कारपोरेशन ने नियामक आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि उनके 4500 करोड़ के गैप की भरपाई पर आयोग स्वत: विचार करे। इसके पीछे मंशा यह है कि आयोग यदि इसकी भरपाई का कोई विकल्प देगा तो बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं पर इसका बोझ डाल सकेंगी। उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहना है कि पावर कारपोरेशन अधिनियम का उल्लंघन कर रहा है जो विज्ञापन समाचार पत्रों में प्रकाशित कराए जाएंगे उसमें स्लैब परिवर्तन का आधार 2019-20 दिखाया जाएगा। इसके लिए आयोग से अनुमति मांगी है। आरोप लगाया है कि स्लैब परिवर्तन के माध्यम से कारपोरेशन गरीब उपभोक्ताओं पर भार डालना चाहता है।
इसके साथ ही नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन की मांग को खारिज कर दी है। आयोग का कहना है कि आम जनता की सुनवाई के बाद ही प्रस्तावित स्लैब परिवर्तन के अनुमोदन पर विचार होगा। पावर कारपोरेशन से तत्काल समाचार पत्रों में नए प्रस्तावित स्लैब का विज्ञापन छपवाने को कहा है ताकि आम जनता आपत्ति दाखिल कर सके।
Published on:
05 Sept 2020 08:31 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
