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असली पिता को जानने के लिए घर में कीजिए जांच, सिर्फ तीन घंटे में रिजल्ट

कॉम्प्लेक्स किनशिप डीएनए टेस्ट किट का ट्रायल जारी

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लखनऊ

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Ruchi Sharma

Feb 25, 2018

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झांसी. याद कीजिए दिग्गज कांग्रेसी नेता एनडी तिवारी और रोहित शेखर के विवाद को। रोहित शेखर दावा करते थे कि उनकी मां उज्जवला शर्मा के साथ एनडी तिवारी के नाजायद रिश्ते थे। इसी रिश्ते के चलते उनका जन्म हुआ, ऐसे में वह एनडी तिवारी के बेटे हैं। रोहित के इस दावे तो 90 वर्ष की अवस्था में एनडी तिवारी झुठलाते रहे। आखिरकार अदालत के आदेश पर 29 मई 2012 को एनडी तिवारी का ब्लड सैंपल लिया गया। डीएनए जांच में करीब दो महीने गुजर गए। 28 जुलाई 2012 को अदालत ने डीएनए रिपोर्ट के आधार पर फैसला सुना दिया था कि एनडी तिवारी ही रोहित शेखर के पिता हैं। अब ऐसा नहीं होगा। सिर्फ तीन घंटे में यह मालूम करना मुमकिन है कि कौन किसका पिता है। रिश्तों की उलझी कहानी को सुलझाने के लिए अब चाइनीज किट से तीन घंटे में डीएनए रिपोर्ट हासिल करना संभव होगा।

सागर में ट्रायल, जल्द मिलेगी बाजार में

रिश्तों की उलझन को तीन घंटे में सुलझाने वाली इस किट का नाम है - कॉम्प्लेक्स किनशिप डीएनए टेस्ट किट। फिलहाल, यूरोप और अमेरिका में भी फॉरेंसिक मामलों में डीएनए की जांच के लिए इस किट का ट्रायल जारी है। भारत में अभी कॉम्प्लेक्स किनशिप डीएनए टेस्ट किट का मध्यप्रदेश में सागर पुलिस लैब में परीक्षण जारी है। उम्मीद है कि अगले छह महीने में यह किट खुले बाजार में उपलब्ध होगी। फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि कॉम्प्लेक्स किनशिप डीएनए टेस्ट किट सिर्फ पुलिस और फॉरेंसिक जांच टीम के लिए उपलब्ध होगी अथवा कोई भी व्यक्ति इसी खरीद सकेगा।

ट्रायल के नतीजों में नहीं मिली कोई खोट

दो दिन पहले बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के फॉरेंसिक साइंस एंड क्रिमिनोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस में यूरोप की ऑसमा बेमोटाइट ने बताया कि यूरोप और अमेरिका में जटिल पारिवारिक वंशवृक्षों पर इस किट का ट्रायल किया गया, जोकि सिग्मा सिक्स यानी 99.9999 प्रतिशत कामयाब रहा। चाइना के हेल्थ जेन टेक्नोलॉजी में बतौर इंटरनेशनल सेल्स एण्ड बीडी मैनेजर ऑसमा ने बताया कि रिश्तों की उलझन और हत्या के मामलों में जल्द से जल्द डीएनए रिपोर्ट हासिल करने के मकसद से इस किट को तैयार किया गया है। गौरतलब है कि डीएनए जांच के लिए अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के मामले में अमेरिका अव्वल है, जबकि डीएनए डाटा बेस के मामले में चाइना। जांच-पड़ताल में डीएनए प्रयोग के मामले में भारत का तीसरा नंबर है। कांफ्रेंस में यह भी बताया गया कि भारत में सबसे बड़ी चुनौती लैक्टिंग एविडेंस की है। बताया गया कि खून के नमूनों को सही तरीके से एकत्र किया जाए तो परिणाम बहुत बेहतर आयेंगें। इसके अलावा भारत को डीएनए डाटाबेस बनाने की जरूरत है।

१७३७५ रुपए में ऑनलाइन उपलब्ध है किट

यूं कॉम्प्लेक्स किनशिप डीएनए टेस्ट किट भारत के ऑनलाइन बाजार में उपलब्ध है। कीमत है $२६८.४९ अमेरिकी डॉलर यानी 17374 रुपए। इस किट को खरीदकर कोई भी व्यक्ति वांछितों के खून के नमूनों का टेस्ट कर सकता है। शर्त यह है कि टेस्ट करने के बाद किट को निर्मार्ता कंपनी के पास वापस भेजना होता है। वहां से तीन दिन में रिपोर्ट मिल जाती है। भारत में ट्रायल सफल रहा तो स्थानीय लैब से डीएनए रिपोर्ट सिर्फ तीन घंटे में मिल जाएगी। यानी रिश्तों का गड़बड़झाला या रिश्तों पर शक की उलझन चंद घंटों में सुलझ जाएगी।