
Forensic Science Institute will be built in Lucknow
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आपराधिक मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए एक फाॅरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट की आवश्यकता देखते हुए लखनऊ में इंस्टीट्यूट ऑफ फाॅरेंसिक साइंसेज इंस्टीट्यूट को स्थापित करने का निर्णय लिया है। पुलिस प्रशासन एवं फाॅरेंसिक साइंस के क्षेत्र में अध्ययन के लिए लखनऊ की तहसील सरोजनीनगर में 50 एकड़ भूमि में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फाॅरेंसिक साइंसेज का निर्माण कराया जा रहा है। एनएफएसयू द्वारा वैज्ञानिक अपराध जांच के क्षेत्र में आधुनिक सुविधाएं और प्रौद्योगिकी प्रदान करने के लिए उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किया जा रहा है, जो इस संस्थान के परिसर में पांच एकड़ भूमि पर अलग इकाई के रूप में होगा। यह सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस, डीएनए परीक्षण के क्षेत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय के सहयोग से अलग से स्थापित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष उनके सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज एवं डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि अपराध अनुसंधान के मामले में फॉरेंसिक साइंसेज की महत्वपूर्ण भूमिका को पुलिस तथा न्यायालयों ने स्वीकार किया है। वर्तमान में अपराध की प्रकृति काफी बदल गई है। अपराधी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में अपराध अनुसंधान और अपराधियों को शीघ्र सजा दिलाने के लिए जांच के स्तर को आधुनिक और वैज्ञानिक बनाना होगा। यह संस्थान संयुक्त रूप से पुलिस और फाॅरेंसिक विज्ञान में नवीनतम प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के तरीकों को विकसित करने और मानक संचालन प्रक्रियाओं को तैयार करने का कार्य करेंगे।
संस्थान जल्द शुरू करने के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी ने इस इंस्टीट्यूट को शीघ्र बनाकर शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसका एफीलिएशन गुजरात में स्थापित नेशनल फाॅरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) से करने के भी निर्देश दिए। अपराध अनुसंधान की आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम को डिजाइन किया जाए। ताकि सक्षम मैनपावर तैयार की जा सके, जो आपराधिक प्रकरणों का हल करने में मददगार साबित हो। इस इंस्टीट्यूट में एक साल के अन्दर पाठ्यक्रम शुरू किए जाएं।
यह है मुख्य उद्देश्य
एकेटीयू के कुलपति ने उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज के नेचर एण्ड स्कोप पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी और पुलिस महानिदेशक हितेश चन्द्र अवस्थी ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वित्त एस राधा चैहान, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बता दें कि इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य पुलिस प्रशासन, फॉरेंसिक साइंस, व्यावहारिक विज्ञान, प्रौद्योगिकीय एवं प्रबन्धन के क्षेत्र में नवीन शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान प्रदान करना है। इस एमओयू से समाज के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में लाभप्रद अभिनव शिक्षा, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान प्रदान किया जा सकेगा। छात्रों एवं संकाय के लाभ के लिए उत्कृष्टता केन्द्र, नवाचार केन्द्र तथा अन्य सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।
Published on:
29 May 2021 03:40 pm
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