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लखनऊ. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के बाद पार्टी में भीतरघाट करने वाले नेताओं पर कार्रवाई और दल बदल का सिलसिला शुरू हो गया है। एक ही दिन में एक पार्टी से निष्कासित पूर्व सांसद ने दूसरी पार्टी का दाम थाम लिया है। हम बात कर रहे हैं, मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के करीबी रहे भालचंद्र यादव (Bhalchandra Yadav) जिन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस (Congress) का दामन थाम लिया था। वहीं अब वे मायावती (Mayawati) की बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) जे जुड़ गए हैं।
एक ही दिन पहले हुए थे कांग्रेस से निष्कासित-
गुरुवार को ही कांग्रेस विरोधी गतिविधियों के चलते भालचंद्र यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था। निष्कासन की कार्रवाई के एक दिन बाद ही उन्होंने बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली।
मायावती शामिल कर रहीं पुराने नेताओं को शामिल-
सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव में शुन्य से 10 तक का सफर तय करने वाली बहुजन समाज पार्टी इन दिनों उपचुनाव में व्यस्त हैं। साथ ही मायावती पार्टी से जा चुके कई वरिष्ट नेताओं को पार्टी में शामिल करने की रणनीति पर भी काम कर रही है। भालचंद्र से इसकी शुरुआत हो गई है।
मुलायम के करीबी माने जाते हैं भालचंद्र-
भालचंद्र यादव समाजवादी पार्टी के पुराने नेता माने जाते हैं और मुलायम के बेहद करीबी हैं। भालचंद यादव ने 2004 और 2009 में संतकबीरनगर लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। 2014 में मोदी लहर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था और वहां से भाजपा के शरद त्रिपाठी ने जीत हासिल की थी। वहीं 2019 लोकसभा चुनाव में सपा के बसपा के गठबंधन से भालचंद्र नाखुश थे।
सपा के खिलाफ की थी बगावत-
सपा का बसपा से गठबंधन होने के बाद संत कबीर नगर की सीट बसपा के पाले में चली गई थी। जिससे सपा से दो बार सांसद रहे भालचंद्र यादव काफी आहत हुए। पार्टी में अपनी अनदेखी के बाद उन्होंने सपा से बगावत कर दी थी। गठबंधन के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई। अंत में उन्होंने सपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। कांग्रेस ने संत कबीर नगर संसदीय क्षेत्र से अपने प्रत्याशी (परवेज खान) को बदलकर 24 घंटे पहले पार्टी में शामिल हुए भालचंद्र यादव को टिकट दे दिया था।
Published on:
12 Jul 2019 09:22 pm
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