फूलन ने भारतीय समाज के सामने अपने प्रतिरोध की मिशाल कायम करके यह सा एक स्त्री के भीतर भी साहस और शौर्य होता है।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में पूर्व सांसद फूलन देवी की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी एवं प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनको नमन किया।
अखिलेश यादव का मानना रहा है कि फूलन देवी की कहानी समाज के पिछड़े, वंचित और दलित समाज के संघर्ष का इतिहास है। वह कश्यप, मल्लाह, बिंद, निषाद, बाथम, मांझी समाज की अस्मिता और सामाजिक न्याय की प्रतीक बन गई थी। समाजवादी पार्टी ने फूलन देवी जी को सांसद बनाकर कश्यप-निषाद समाज को उनका हक और सम्मान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया था।
डॉ0 राजपाल कश्यप पूर्व प्रदेश अध्यक्ष समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ ने कहाकि फूलन देवी महिलाओं के लिए मिशाल थी सभी महिलाओं को फूलन देवी के सिद्धांतो पर चलने की जरूरत है । फूलन देवी ने कोई ग़लत नहीं किया था लोगो ने उनको सताया फूलन देवी ने जवाब दिया जेल जेल,सजा काटी संसद बनी उनके हौसले को नमन करते हुए कहा कि हमारी बहन बेटी अब घरों से निकले और अपने अधिकारों को पहचाने।
बतायाकि 1963 में फूलन का जन्म हुआ( यू.पी.) 11 साल की उम्र में पुत्तू लाल से शादी 15 साल की उम्र में गाँव के दबंगों द्वारा सामूहिक बलात्कार। जिस देश की स्त्रियों को अपने ही घर की चहरदीवारी से बाहर निकलने की इजाजत लेनी पड़ती हो और जुबानों पर तरह-तरह की पाबन्दियाँ लगाई जाती हों। उसी देश में अत्यंत साधारण एक मल्लाह की बेटी का प्रतिरोध और उसकी गर्जना पूरा विश्व सुनेगा, यह भारतीय इतिहास में पहली बार हुआ।
किसी स्त्री द्वारा किया गया ऐसा प्रतिरोध विश्व के इतिहास में कहीं नहीं मिलेगा। जातिवादी, वर्चस्वादी और गुलामी की जिस चादर को फूलन का समाज सदियों से ओढ़े हुये रो-रोकर जी रहा था, फूलन ने उसे बेनकाब कर दिया। फूलन ने भारतीय समाज के सामने अपने प्रतिरोध की मिशाल कायम करके यह सा एक स्त्री के भीतर भी साहस और शौर्य होता है।