
जेपी नड्डा को यूपी में जीत का मिला बड़ा ईनाम, बने भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, अब सामने हैं यह चुनौतियां
लखनऊ. लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रभारी रहे जेपी नड्डा (JP Nadda) को भाजपा का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। जेपी नड्डा का पूरा नाम जगत प्रसाद नड्डा है। हिमाचल प्रदेश के भाजपा नेता को बीजेपी में अहम जिम्मेदारी देने की वजह यूपी में उनकी सफलता को माना जा रहा है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा और रालोद के गठबंधन के बावजूद भारतीय जनता पार्टी 62 और सहयोगी पार्टी अपना दल 02 सीटें जीतने में सफल रही। अब जब अमित शाह ने केंद्रीय गृह मंत्री का दायित्व संभाला है तो तो जेपी नड़्डा को बीजेपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। फिलहाल वह अगले छह माह तक अमित शाह के साथ मिलकर काम करेंगे, लेकिन आने वाले वक्त में वह उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जा सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा की सफलता ने पार्टी में उनका कद और बढ़ा दिया। पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर उन्हें यूपी में जीत का ईनाम दिया गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले जब अमित शाह और नरेंद्र मोदी ने जेपी नड़्डा को उत्तर प्रदेश का लोकसभा चुनाव प्रभारी बनाया, उस वक्त उनके सामने गठबंधन और कांग्रेस के सामने बेहतर प्रदर्शन की बड़ी चुनौती थी। चुनाव में यूपी की 80 में 62 सीटें जीतकर भाजपा की कसौटी पर खरे उतरे जेपी नड़्डा ने साबित कर दिया कि वह ही अमित शाह के उत्तराधिकारी हैं।
कुशल रणनीतिकार हैं JP Nadda
जेपी नड़्डा (JP Nadda) की छवि शांत और कुशल रणनीतिकार नेता के तौर पर होती है। उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रभारी बनाये जाने के बावजूद उन्होंने कुशलता से न सिर्फ चुनाव चुनाव प्रबंधन संभाला, बल्कि जिलों का दौरा भी किया। अमित शाह की तरह ही उन्होंने बूथ कार्यकर्ताओं सीधे संपर्क किया और सपा-बसपा के गठबंधन के बावजूद उनका उत्साह कम नहीं होने दिया और चुनावी टीम को लगातार सक्रिय रखा। जेपी नड्डा उत्तर प्रदेश के अलावा भी कई राज्यों के प्रभारी रहे हैं।
जेपी नड्डा के सामने आएंगी यह चुनौतियां
जेपी नड्डा (JP Nadda) के लिए कार्यकारी अध्यक्ष पद पर काम करना इतना आसान नहीं होगा। पार्टी प्रमुख के तौर पर उनके सामने अमित शाह के सेट किये बेंचमार्क को बनाये रखना बड़ी चुनौती होगा। इसके अलावा अगले 6-7 महीनों में करीब पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। दिल्ली को को छोड़कर तीन राज्य ऐसे हैं, जिनमें बीजेपी की सरकार है। बीजेपी शासित राज्यों में सत्ताविरोधी माहौल से निपटना उनके लिए इतना आसान नहीं होगा। इसके अलावा उनके सामने महाराष्ट्र में शिवसेना और बिहार में जदयू को साथ रखना भी बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। पार्टी के बड़बोले नेताओं पर लगाम लगाने के अलावा जेपी नड्डा के सामने दक्षिण भारत के लिए रणनीति बनाना काफी चुनौतीपूर्ण होगा।
कौन हैं जेपी नड्डा
मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के निवासी जेपी नड्डा (JP Nadda) ब्राह्मण परिवार से हैं। वर्तमान में वह राज्यसभा से सांसद हैं। नड्डा के पास संसदीय बोर्ड के सचिव का भी पद है। बिहार के पटना के ग्रेजुशन की पढ़ाई की और एलएलबी की डिग्री हिमाचल प्रदेश से ली। जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश से वह तीन बार विधायक रहे। 2014 में जेपी नड्डा को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था। इससे पहले वर्ष 2008 से 2010 तक नड्डा वन, पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री भी रहे।
Updated on:
18 Jun 2019 04:41 pm
Published on:
18 Jun 2019 01:45 pm
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