28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कभी सुंदर भाटी को अपना आदर्श मानता था अनिल दुजाना, ‌जानिए फिर क्यों बन गया जानी-दुश्मन?

Gangster Anil Dujana : गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर थाना क्षेत्र के दुजाना गांव निवासी अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना पिछले माह दिल्ली से आर्म्स एक्ट के केस में जमानत पर जेल से बाहर आया था। बाहर आते ही वह फिर सक्रिय हो गया था।

3 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Vishnu Bajpai

May 05, 2023

Gangster Anil Dujana and Sundar Bhati had strong enemies

Gangster Anil Dujana : अनिल दुजाना और सुंदर भाटी एक ही गांव के रहने वाले हैं। अनिल दुजाना सुंदर भाटी को अपना आदर्श मानता था। बाद में उसी से दुश्मनी मोल ले ली। दोनों एक-दूसरे जानी दुश्मन बन गए। दरअसल, अनिल ने सबसे पहले वर्ष 2002 में रुपयों के लेनदेन के विवाद में बादलपुर थाना क्षेत्र में युवक की हत्या की थी।

उसी साल उसने सेक्टर-20 थाना क्षेत्र और मोदीनगर में भी हत्या की वारदात की। उन दिनों गौतमबुद्ध नगर में स्क्रैप, सरिया और कंपनी के ठेके कब्जाने के अवैध धंधे पर सुंदर भाटी गिरोह हावी था। सुंदर भाटी अनिल दुजाना के गांव का ही था। इसलिए दुजाना उसे अपना आदर्श मानता था।

यह भी पढ़ें : पश्चिमी यूपी का छोटा शकील था कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना, अयोध्या कारागार में काटे थे दस माह

स्क्रैप-कंपनी के ठेके कब्जे को लेकर सुंदर भाटी से हुई गैंगवार
गौतमबुद्ध नगर में स्क्रैप, सरिया और कंपनी के ठेके कब्जाने के अवैध धंधे पर सुंदर भाटी गिरोह हावी था। दुजाना जल्द से जल्द अमीर बनना चाहता था। इसलिए वह इन धंधों में दखल देने लगा। उधर, जरायम की दुनिया में रणदीप भाटी गिरोह भी सक्रिय हो चुका था। रणदीप भाटी गिरोह सुंदर भाटी का विरोधी था। इसके चलते अनिल और रणदीप गिरोह की निकटता हो गई थी।

साल 2012 में दोनों एक-दूसरे के बन गए जानी दुश्मन
साल 2012 में अनिल के गिरोह ने खेड़ी गांव के जयचंद प्रधान की हत्या की। इसके बाद सुंदर भाटी गिरोह ने हरेंद्र प्रधान की हत्या की। सुंदर भाटी पर साहिबाबाद व गौतमबुद्ध नगर में हुए जानलेवा हमले में भी अनिल दुजाना गिरोह का नाम आया था। सुंदर भाटी और अनिल दुजाना गिरोह की गैंगवार में कई लोगों की हत्या हुईं। अनिल दुजाना पर गौतमबुद्ध नगर के अलावा मुजफ्फरनगर के सात और गाजियाबाद में भी कई केस दर्ज हैं।

यह भी पढ़ें : कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना एनकाउंटर में ढेर, यूपी एसटीएफ ने मेरठ में मार गिराया

खुद चुनाव जीता और पत्नी को भी राजनीति में लाने का किया प्रयास
जेल में रहते हुए ही दुजाना ने वर्ष 2011 में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा। उसके मैदान में उतरते ही अन्य प्रत्याशी पीछे हट गए थे। हालांकि बाद में चुनाव हुआ। जिसमें उसे जीत हासिल हुई। असने पत्नी पूजा को जिला पंचायत का चुनाव लड़ाने का प्रयास किया था। पूजा ने नामांकन पत्र भी खरीद लिया था। लेकिन बाद में किसी वजह से नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया था।

अनिल दुजाना ग्रेटर नोएडा के बादलपुर थाना क्षेत्र का गैंगस्टर था। कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना के खिलाफ ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हत्या, लूट, डकैती और जबरन उगाही जैसे संगीन मामलों में एफआईआर दर्ज है। अनिल दुजाना गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में आतंक का पर्याय माना जाता था।

यह भी पढ़ें : खुल गया आसमान, गर्मी का असर बढ़ा, 15 मई तक इन शहरों में बारिश का अनुमान

कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना पर 18 मर्डर समेत रंगदारी, लूटपाट, जमीन पर कब्जा, कब्जा छुड़वाना और आर्म्स एक्ट समेत 62 केस दर्ज हैं। उस पर रासुका और गैंगस्टर एक्ट भी लग चुका है। गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 से हमले का आरोपी है। जानकारी के मुताबिक, वह 2012 से जेल में था और जनवरी 2021 में बेल पर आया। इसके बाद दुबारा जेल जाने के बाद करीब एक सप्ताह पहले वह जेल से रिहा हुआ था।

जेल से रिहा होते ही उसने गौतमबुद्ध नगर में अपने खिलाफ गवाही दे रहे लोगों को धमकियां दी थीं। वहीं, इस पर बुलंदशहर पुलिस ने 25 हजार और नोएडा पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था। इसके अलावा गैंगस्टर के खिलाफ दिल्ली में भी आर्म्स एक्ट का केस दर्ज था। जिसकी वजह से दिल्ली पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। इसी बीच गुरुवार को उसके मेरठ में होने की सूचना मिली।

यह भी पढ़ें : BJP सांसद प्रेमिका के साथ मना रहे थे रंगरेलियां, अचानक पहुंची पत्नी ने प्रेमिका को पीटा, सांसद फरार