
महागठबंधन पर कांग्रेस का दो टूक, अकेले चुनाव लड़ने से परहेज नहीं
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में बीजेपी से मुकाबले के लिये तैयार हो रहे गठबंधन में कांग्रेस शायद ही शामिल हो। कारण साफ है, यूपी में समाजवादी पार्टी कांग्रेस को दो से ज्यादा सीटें नहीं देना चाहती है, जबकि कांग्रेस 15 से कम सीटों पर मानने को तैयार नहीं है। कांग्रेस के यूपी प्रभारी व पार्टी महासचिव गुलाम नबी आजाद के हालिया बयान भी महागठबंधन पर पार्टी के रुख की ओर इशारा करता है।
बाराबंकी के जीआईसी ग्राउंड में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में गुलाम नबी आजाद ने महागठबंधन पर कांग्रेस का रुख काफी हद तक स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि भले ही हमने समान विचारधारा वाले दलों की ओर महागठबंधन के लिए हाथ बढ़ाया है, लेकिन पार्टी अकेले भी चुनाव में उतरने को तैयार है। गुलाम नबी के इस बयान को महागठबंधन में शामिल हो रहे दलों पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है।
कांग्रेस को 02 सीटें ही देना चाहती है समाजवादी पार्टी
समाजवादी पार्टी महागठबंधन में काग्रेस को दो से ज्यादा सीटें देने के पक्ष में नहीं हैं। एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को उनकी परम्परागत लोकसभा सीटों (अमेठी और रायबरेली) के अलावा कोई सीट नहीं देना चाहते हैं। सपा नेता के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि महागठबंधन में कांग्रेस का शामिल होना लगभग मुश्किल है। क्योंकि कांग्रेस पार्टी शायद ही दो लोकसभा सीटों से संतुष्ट हो।
तेजी से बढ़ रहा है कांग्रेस का जनाधार : पीएल पुनिया
कार्यकर्ता सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया ने कहा कि तेजी से कांग्रेस पार्टी का जनाधार बढ़ रहा है। जनता भी अब बीजेपी से सत्ता छीनना चाहती है, जो काम अब कांग्रेस पार्टी करेगी। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा कि इस बार जब कांग्रेस पार्टी चुनाव में उतरेगी, उसका मकसद सत्ता नहीं, बल्कि देश बचाने का होगा।
यह भी पढ़ें : मायावती को 40 से ज्यादा सीटें देने को तैयार अखिलेश यादव
Published on:
08 Sept 2018 04:37 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
