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सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज का शासनादेश जारी, अब सभी का बनेगा स्टेट हेल्थ कार्ड

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद की ओर से शुक्रवार को शासनादेश के तहत सरकारी अस्पतालों के साथ चिकित्सा संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों व आयुष्मान में पंजीकृत निजी अस्पतालों में कर्मचारियों व पेंशनरों को निशुल्क इलाज मिल सकेगा। राज्य कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके परिवार के लोगों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने के लिए स्टेट हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे।

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लखनऊ. यूपी के 28 लाख कर्मियों-पेंशनरों को पंडित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस योजना के तहत निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने का आदेश जारी हो गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद की ओर से शुक्रवार को यह शासनादेश जारी किया गया है। आदेश के तहत सरकारी अस्पतालों के साथ चिकित्सा संस्थानों, मेडिकल कॉलेजों व आयुष्मान में पंजीकृत निजी अस्पतालों में कर्मचारियों व पेंशनरों को निशुल्क इलाज मिल सकेगा। राज्य कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके परिवार के लोगों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने के लिए स्टेट हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे।

सबका बनेगा ऑनलाइन स्टेट हेल्थ कार्ड

ऑनलाइन स्टेट हेल्थ कार्ड बनाने की जिम्मेदारी स्टेट एजेंसी फॉर हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज को दी गई है। सभी विभागाध्यक्षों की जिम्मेदारी होगी कि वह अपने विभाग के कर्मियों व पेंशनर्स के स्टेट हेल्थ कार्ड बनवाएं।

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बनेगा कार्पस फंड

चिकित्सा शिक्षा विभाग अपने चिकित्सा संस्थानों व मेडिकल कालेजों को धनराशि देने के लिए 200 करोड़ और जिला अस्पतालों आदि में कैशलेस इलाज के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग 100 करोड़ रुपए का कार्पस फंड बनाएगा। कैशलेस चिकित्सा सुविधा के लिए बनाए गए कार्पस फंड से सरकारी चिकित्सालयों को इलाज पर होने वाले खर्चे की 50 प्रतिशत धनराशि दी जाएगी।

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बाकी राशि देगा वित्त विभाग

बाकी 50 प्रतिशत धनराशि उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने पर वित्त विभाग द्वारा दी जाएगी। कैशलेस इलाज की सुविधा के साथ-साथ वर्तमान व्यवस्था के अनुसार इलाज के उपरांत चिकित्सा प्रतिपूर्ति किए जाने का विकल्प भी दिया जाएगा।