वहीं उत्तर प्रदेश के कर्मचारी संगठनों ने इसका विरोध जताया है। उन्होंने सरकार के इस फैसला पर असहमति जताई है। रेलवे में काम कर रहे कर्मचारी का कहना है कि नुकासान उनके लिए ज्यादा है जो 60 साल की उम्र तक नौकरी करने में जो फंड होता है उसका नुकसान होगा।
इसके मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारी दो तरह से सेवानिवृत्त हो सकेंगे। या तो 60 साल की आयु या फिर 33 साल की सेवा के बाद, दोनों में से जो भी पहले हो। कार्मिक मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों और विभागों को एक प्रोफार्मा भेजा है, जिसमें सभी कर्मचारियों की आवश्यक जानकारी 30 सितंबर से पहले भेजने के निर्देश दिए हैं। इसमें व्यक्ति का नाम, काडर कंट्रोलिंग अथॉरिटी का नाम, सर्विस कब शुरू हुई, अंतिम काडर रिव्यू कब हुआ, कहां कहां पोस्टिंग थी, क्या जिम्मेदारी थी, क्या जिम्मेदारी दी गई, जैसी जानकारी मांगी गई है।