
कुंभ आने वाले श्रद्धालुओं के स्नान के लिए पहली बार प्राकृतिक घाटों को तैयार किया जा रहा है, ताकि स्नान के वक्त श्रद्धालुओं से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा सके
पत्रिका एक्सप्लेनर
लखनऊ. कोरोना महामारी (Corona Virus) के दौर में वर्ष 2021 में होने वाला हरिद्वार का कुंभ मेला (Kumbh Mela 2021) पहला बड़ा धार्मिक आयोजन होगा। मकर संक्राति (14 जनवरी) से कुम्भ मेले का श्रीगणेश होगा जो 48 दिनों तक चलेगा। शाही स्नान के लिए चार तिथियां और प्रमुख स्नान के लिए छह दिन निर्धारित किये गये हैं। कुंभ (Kumbh) की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। कोविड-19 के खतरे को देखते हुए मेले में प्रवेश से पहले एंटीजन टेस्ट पर विचार किया जा रहा है। ऐसे में अगर इस पर सहमति बनती है तो श्रद्धालुओं को गंगा में डुबकी लगाने से पहले कोविड की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। इसके अलावा मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। बिना रजिस्ट्रेशन के मेले में एंट्री नहीं मिलेगी। सरकार जल्द ही मेले की अधिसूचना जारी करेगी।
कुंभ आने वाले श्रद्धालुओं के स्नान के लिए पहली बार प्राकृतिक घाटों को तैयार किया जा रहा है, ताकि स्नान के वक्त श्रद्धालुओं से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा सके। प्लास्टिक से तैयार इन घाटों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए डीप वाटर बैरिकेडिंग की जा रही है। कुंभ के लिए भारतीय रेलवे 35 स्पेशल ट्रेनें चलाएगा। साथ ही भीड़ को कंट्रोल करने के लिए हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर मेला कंट्रोल सिस्टम भी तैयार किया गया है।
हरिद्वार में हर 12 साल बाद कुंभ और छह साल बाद अर्धकुंभ लगता है, लेकिन इस बार कुंभ का आयोजन 11वें वर्ष में होने जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि मेष राशि में सूर्य और कुंभ राशि में बृहस्पति आने पर महाकुंभ होता है। वर्ष 2022 में बृहस्पति कुंभ राशि में नहीं रहेंगे, इसलिए इस बार आयोजन एक साल पहले हो रहा है। वर्ष 2021 का कुंभ मेला 11 वर्ष के अंतराल के बाद हरिद्वार में पड़ रहा है। आखिरी बार वर्ष 2010 में हरिद्वार में कुंभ आयोजित किया गया था।
शाही स्नान और प्रमुख स्नान
कुंभ का पहला शाही स्नान महाशिवरात्रि के दिन 11 मार्च को और अंतिम शाही स्नान 27 अप्रैल (चैत्र माह की पूर्णिमा) को होगा। 12 अप्रैल (सोमवती अमावस्या) और 14 अप्रैल (मेष संक्रांति और वैशाखी) को भी शाही स्नान होना। इसके अलावा प्रमुख स्नान की तारीखें भी निश्चित कर दी गई हैं। इनमें 14 जनवरी 2021 मकर संक्रांति, 11 फरवरी मौनी अमावस्या, 16 फरवरी बसंत पंचमी, 27 फरवरी माघ पूर्णिमा, 13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (हिन्दी नववर्ष) और 21 अप्रैल राम नवमी हैं। श्री गंगा सभा के अनुसार, उत्तराखंड सरकार ने सभी प्रमुख अखाड़ों से चर्चा के बाद हरिद्वार कुंभ 2021 के शाही स्नान और प्रमुख स्नान की तारीखें घोषित कर दी हैं।
सुरक्षा-व्यवस्था पुख्ता
एनएसजी और पैरामिल्ट्री के स्पाइनर कुंभ की निगहबानी होगी। किसी भी आतंकी घटना को नाकाम करने के लिए बम डिस्पोजल स्क्वॉयड और एंटी माइनिंग टीम को भी अलर्ट कर दिया गया है। मेले की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने कुंभ 40 कंपनी पैरामिल्ट्री देगी। इनमें एसएसबी की सात, सीआरपीएफ की 10, बीएसएफ की 10, सीआईएसएफ की सात और आईटीबीपी की छह कंपनियां शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, एक जनवरी से इन सभी का अलग-अलग चरणों में हरिद्वार पहुंचना शुरू हो जाएगा।
Updated on:
27 Dec 2020 06:24 pm
Published on:
27 Dec 2020 06:19 pm
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