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Hartalika Teej 2023: हरतालिका तीज के लिए जान लें 10 जरूरी नियम, गलती करने से खराब हो सकता है व्रत

Hartalika Teej 2023 Niyam: हरतालिका तीज व्रत महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण व्रत है। इस साल 18 सितंबर को हरितालिका तीज मनाया जाएगा। सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र तो वहीं कुंवारी कन्याएं अच्छे पति के लिए यह व्रत करती हैं। अगर आप इसे पहली बार रख रही हैं तो ये 10 जरूरी नियम भी जान लें।

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लखनऊ

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Vishnu Bajpai

Sep 16, 2023

Hartalika Teej 2023 important 10 rules making mistake spoil fast

हरतालिका तीज के लिए जान लें 10 जरूरी नियम

Hartalika Teej 2023 Time: पति की लंबी आयु हो या फिर मनचाहे जीवनसाथी को पाने की मनोकामना, इसकी पूर्ति के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्याताओं के अनुसार स्वयं माता गौरी ने भगवान शंकर को पाने के लिए घोर तप करने के बाद भादौं महीने में इस व्रत को किया था। इसलिए इसे गौरा तृतीया व्रत भी कहा जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखते हैं। इस व्रत को सुहागन महिलाएं और विवाह योग्य युवतियां रख सकती हैं।

हरतालिका तीज का व्रत रखने से वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है। जो महिलाएं पहली बार हरतालिका तीज का व्रत रखने वाली हैं, उनको इस कठोर व्रत के नियमों के बारे में जानना चाहिए। यदि आप नियमपूर्वक हरतालिका तीज नहीं करती हैं तो आपका व्रत निष्फल हो जाएगा। हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर सोमवार‌ को है। आइये ‌चित्रकूट के ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज मिश्रा से जानते हैं हरतालिका तीज व्रत के नियमों के बारे में...

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हरतालिका तीज व्रत के लिए ये हैं महत्वपूर्ण नियम

1. हरतालिका तीज का निराहार और निर्जला व्रत रखा जाता है। व्रत वाले दिन अन्न और जल ग्रहण नहीं करते हैं। फल खाने की भी मनाही होती है। यह करीब 24 घंटे का निर्जला व्रत होता है। इस कारण इसे कठिन व्रत की श्रेणी में रखते हैं।

2. हरतालिका तीज व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दैनिक क्रिया से मुक्त होकर सरगी खाते हैं। सरगी में मिठाई, फल, सूखे मेवे आदि होते हैं। इसके अलावा पानी और चाय भी ग्रहण करते हैं। व्रती को सरगी सूर्योदय से पूर्व खाना होता है। सूर्योदय के साथ हरतालिका तीज का व्रत शुरू हो जाता है।

3. हरतालिका तीज की पूजा में मिट्टी से बनी माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्तियों की पूजा करते हैं। इन मूर्तियों की स्थापना दोपहर में कर देते हैं और शाम को सूर्यास्त के साथ प्रदोष काल में पूजा प्रारंभ करते हैं। माता पार्वती और शिवजी के अतिरिक्त प्रथम पूज्य गणेश जी की भी पूजा होती है।

4. हरतालिका तीज की पूजा के समय व्रती को दुल्हन की तरह तैयार होना चाहिए। सोलह श्रृंगार और नए वस्त्र पहनने चाहिए। यह व्रत सुहाग के लिए और अखंड सौभाग्य का है। इसलिए पूजा में माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाते हैं। माता पार्वती को पीला सिंदूर चढ़ाएं और स्वयं भी पीला सिंदूर लगाएं।

5. हरतालिका तीज व्रत की कथा सुनना जरूरी होता है। इस व्रत कथा को सुनने से इसका महत्व पता चलता है और हरतालिका तीज व्रत का पुण्य प्राप्त होता है।

6. पूजा के बाद अपनी सास और बड़ी ननद के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं। उनको सुहाग सामग्री और अन्य उपहार भेंट करते हैं। वे खुश होकर सदा सुहागन रहने का आशीर्वाद देती हैं। जिनका विवाह नहीं हुआ और वे व्रत हैं, वे माता पार्वती और शिव जी को प्रणाम करके मनचाहा जीवनसाथी पाने का आशीर्वाद लें।

7. हरतालिका तीज के अगले दिन यानि 19 सितंबर को सूर्योदय के समय स्नान और पूजा पाठ के बाद दान करें। ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दक्षिणा दें। उसके बाद स्वयं पारण करके हरतालिका तीज व्रत को पूरा करें।

8. हरतालिका तीज व्रत के दिन दोपहर में सोना वर्जित है। जिनको सेहत से जुड़ी समस्याएं हैं, वे व्रत न रखें। व्रत रखने से समस्या और गंभीर हो सकती है।

9. हरतालिका तीज पूजा के दौरान आप माता पार्वती के मंत्र का जाप, चालीसा का पाठ कर सकती हैं। शिव चालीसा का पाठ भी कर सकती हैं।

10. मंत्र जाप कठिन लगे तो आप माता पार्वती की आरती करें। गणेश जी और भगवान शिव की आरती कर लें।