नीति आयोग के साथ आयोजित बैठक के दौरान उन्होंने नीति आयोग के उपाघ्यक्ष राजीव कुमार एवं अन्य सदस्यों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 09 सचिव समूह गठित किये गये, जिनके द्वारा विस्तृत विचार-विमर्श के उपरांत एक्शन प्लान के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए रणनीति तैयार कर ली गई है। इस समूह में पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य विकास, स्वच्छता, सिंचाई, जल संसाधन, उद्योग, कृषि एवं शहरी विकास विभाग को शामिल किया गया है। इन क्षेत्रों के विकास में नीति आयोग पूरी मदद एवं प्रदेश के त्वरित विकास के लिए सभी प्रकार के सहयोग तथा मार्ग दर्शन दिये जाने का आश्वासन दिया।
स्वास्थ्य मंत्री ने नीति आयोग को अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक जन संख्या वाला प्रदेश है। पिछले सात महीनों के दौरान राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं की कमियों को दूर किया है। इसके साथ ही खाली पड़े प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सकों को उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 2800 आयुर्वेद के चिकित्सकों को तैनात करने का निर्णय लिया है। साथ ही 1000 एमबीबीएस चिकित्सकों को संविदा पर रखे जाने की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जायेगी। सभी अस्पतालों की सेवाओं को अत्याधुनिक बनाने के लिए नवीन तकनीकि का सहारा लिया जा रहा है। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं को और उपयोगी तथा कारगर बनाने के लिए निजी क्षेत्र के सहयोग लिये जाने पर भी विचार करने के साथ ही निजी चिकित्सा विशेषज्ञों को हायर करने की कार्यवाही की जा रही है।