
जूते-मोजे के टेंडर में हुई मनमानी, हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग से मंगवाये रिकॉर्ड
लखनऊ. हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सरकारी स्कूलों के बच्चों को जूते-मोजे उपलब्ध करवाने के लिए जारी टेंडर को मनमानी भरा टेंडर बताया है। इसक साथ ही जूते-मोजे के टेंडर को विसंगतिपूर्ण करार देकर कहा है कि जूते-मोजे के टेंडर में यूपी सरकार द्वारा मनमानी हुई है। इसक लिए हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बेसिक शिक्षा विभाग से जूते-मोजे के टेंडर को लेकर सारे रिकॉर्ड मंगवाए हैं। इसलिए इस जूते-मोजे के टेंडर की अगली सुनवाई 28 जून कर दी गई है।
टेंडर की शर्तों में किए बदलाव को लेकर आदेश को चुनौती
खादिम इंडिया लिमिटेड ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि सरकार ने जूते-मोजे के टेंडर की शर्तों में किए बदलाव को लेकर आदेश को चुनौती दी गई थी। इसमें कंपनी के अधिकारी डीएस सामंता ने कहा था कि टेंडर की शर्तों के आधार पर आवेदकों द्वारा दी गई दरों के अनुसार उन्हें एल1 से एल10 की श्रेणियों में बांटा गया था। एल1 सबसे कम दरों के लिए थी। उसे कम से कम 25 प्रतिशत और अधिकतम 60 प्रतिशत सप्लाई ऑर्डर दिए जाने थे और एल2 व एल3 को 20-20 प्रतिशत।
सरकार ने लेटर ऑफ इंटेंट जारी किए
याची के वकील गौरव मेहरोत्रा के ने बताया था कि उनकी कंपनी एल1 में चुनी गई है, लेकिन सरकार ने जो लेटर ऑफ इंटेंट जारी किए थे। उनमें केवल एल1 से एल10 के आवेदकों को जूतों के 10-10 प्रतिशत सप्लाई ऑर्डर बांट दिए थे। वहीं, मोजों के लिए भी एल 1 से एल 5 तक श्रेणी में आए आवेदकों को 20-20 प्रतिशत ऑर्डर दिए थे। यह टेंडर निर्धारित शर्तों के बिल्कुल विपरीत है।
इसलिए सरकार की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि याचिका कर्ता कंपनी टेंडर की कुछ शर्तों को पूरा नहीं करती है। इसलिए जूते-मोजे के टेंडर की प्रक्रिया को लेकर अन्य कंपनियों ने हाईकोर्ट में एक अन्य याचिका दायर कर रखी है। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की तारीख 3 जुलाई दी है। इसका फैसला टेंडर पर सरकार के निर्णय के अधीन रहेगा।
Published on:
18 Jun 2018 12:38 pm
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