लखनऊ के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि विभाग की वेबसाइट पर लॉगिन करने के बाद वाहनों का पेज डिस्प्ले होगा। इसके बाद आपको गाड़ी का प्रकार (टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, फोर व्हीलर, कॉमर्शियल) चुनना होगा। इसके बाद राज्य व शहर का नाम सेलेक्ट करना होगा। फिर शहर में अपने करीबी वाहन कंपनी डीलर चुनना होगा। इसके बाद गाड़ी की चेसिस, रजिस्ट्रेशन नंबर और आपका अपना मोबाइल नंबर व ईमेल। इतनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब आरसी एवं आईडी को अपलोड करेंगे तो आपके मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा। ओटीपी डालने के बाद ही नंबर प्लेट लगवाने का टाइम स्लॉट चुनकर डिस्पले कीमत का ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे। यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद नंबर प्लेट लगवाने का समय बताया जाएगा। तय समय और स्थान पर जाकर आप अपनी गाड़ी में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवा पाएंगे। इसकी पूरी डिटेल बाकायदा मैसेज के द्वारा आपके मोबाइल नंबर पर भेजी जाएगी।
रुकेगी चोरी की वारदात
एक अप्रैल से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना वाहन निर्माता कंपनियों के साथ-साथ ग्राहकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा। इससे वाहन चोरी की वारदातों में कमी आएगी। नंबर प्लेट्स को सरकार के वाहन डेटाबेस से भी जोड़ा जाएगा। केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक, एचएसआरपी में जालसाजी नहीं की जा सकती, साथ ही इनमें लगाए जाने वाले लॉक दोबारा इस्तेमाल नहीं किए जा सकेंगे। एचएसआरपी से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। इसमें मौजूद रजिस्ट्रेशन मार्क, क्रोमियम-बेस्ड होलोग्राम स्टिकर ऐसे होंगे कि निकालने पर कोशिश पर खराब हो जाएंगे। इस पर लगे स्टिकर में गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ, रजिस्टर अथॉरिटी, लेजर ब्रांडेड परमानेंट नंबर, इंजन और चेसिस नंबर तक की जानकारी होगी।