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लव जिहाद कानून आने के बाद तीन साल से शादीशुदा जोड़े को पुलिस कर रही परेशान, कोर्ट ने दिया यह आदेश

locationलखनऊPublished: Jan 15, 2021 07:21:31 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

– हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से भी किया जवाब तलब.

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Lucknow highcourt

लखनऊ. तीन साल पहले शादी करने वाले दंपत्ति को पुलिस द्वारा उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 के अंतर्गत परेशान करने के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है। साथ ही कोर्ट ने पुलिस को अंतर्धार्मिक शादीशुदा जोड़े का उत्पीड़न न करने के निर्देश भी दिए हैं। दंपति ने अपनी मर्जी से शादी की थी। उन्हें एक बच्चा भी है।
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लखनऊ हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ के समक्ष याचियों का कहना था कि उन्होंने अपनी मर्जी से तीन साल पहले विवाह कर लिया था और उनका डेढ़ साल का एक बच्चा भी है। वे शांतिपूर्वक अपना जीवन गुजार रहे हैं। हालांकि युवती का परिवार इस विवाह के खिलाफ था इसलिए उसके पति के विरुद्ध अपहरण की धाराओं में एफआईआर अमेठी के कमरौली थाने में दर्ज करा दी गई।
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लव जिहाद कानून बनने के बाद बढ़ा उत्पीड़न-

याचियों के वकील ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि इतने समय बाद हाईकोर्ट के समक्ष इसलिए आना पड़ा क्योंकि उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 के लागू होने के बाद से पुलिस उन्हें लगातार परेशान कर रही है। न्यायालय ने मामले के सभी तथ्यों पर गौर करने के बाद अमेठी पुलिस को आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक याचियों को कमरौली थाने में दर्ज उक्त एफआईआर के आधार पर परेशान न किया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी।
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