
holika dahan shubh muhurat on holi 2022: होली त्योहार का हिन्दू समाज में काफी महत्व है। होली के मौके पर होलिका दहन को लेकर कई मान्यताएं हैं। पुरोहितों व पंडिता का मानना है कि होली के मौके पर गृह नक्षत्रों का ऐसा योग बन रहा है जो काफी लाभकारी है। इस योग का सीधा असर मानव पर होता है। ऐसे में गृह नक्षत्रों के अनुकूल जप व पूजा करने पर जातक को कई लाभ होते हैं।
holika dahan shubh muhurat on holi 2022: होली के मौके पर हम आज आपको बताने जा रहे है कि इस बार होलिका दहन के लिए क्या शुभ समय है और इस दौरान किस मंत्र के जप से लाभ होगा। पंडित उमाशंकर मिश्रा ने बताया कि इस बार होली 2022 पर होलिका दहन का समय रात्रि 12:57 मिनट पर है। होली के मौके पर भद्रा मृत्युलोक की दिन 01:01 मिनट से रात्रि 12:57 मिनट तक "ऊं होलिकायै नमः" इस मंत्र से होलिका का पूजन करके होलिका दहन करन से लाभ होता है।
जानें आज का पंचांग
Aaj Ka Panchang (16th march 2022) हिन्दू धर्म में पंचांग का बहुत मान्यता है। हिन्दू धर्म में पंचांग के अनुसार ही त्योहार, व्रत सहित पूजा के अनुष्ठान किए जाते हैं। ग्रहों के अनुसार तिथियों को अपना विशेष महत्व होता है। इन महत्व के अनुसार हिन्दू धर्म में पंचांग की गणाने के बाद भी शुभ कार्य किए जाते हैं।
Aaj ka Panchang (16th march 2022) हिंदू पंचांग यानी कि हिंदू धर्म का कैलेंडर, हिंदू पंचांग की खास विशेषताएं हैं। हिंदू समाज में इसकी मान्यता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि हिंदू समाज में होने वाले त्यौहार रीति रिवाज शादी विवाह यहां तक जन्मदिन पंचांग की तिथियों के अनुसार ही मनाया जाता है। हिंदू पंचांग काफी व्यापक है जो पूरे विश्व में तिथियों की गणना करने की क्षमता रखता है।
हिन्दू पंचांग नक्षत्रों की दशा व दिशा को ध्यान में रखते हुए तिथियों का निर्धारण करता है। पंचांग में चंद्रमा व सूर्य दोनों की स्पष्ट गति को ध्यान में रखा जाता है। ग्रहों की स्थिति के आधार पर दिन व तिथियों का निर्धारण हिंदू पंचांग में किया जाता है। हिंदू धर्म में ग्रहों को देव तुल्य माना जाता है। ऐसे में उनकी स्थिति व दिशा के अनुसार तिथियों का निर्धारण किया जाता है इसी के आधार पर तिथियों को शुभ या अशुभ निर्धारित किया जाता है। हिंदू पंचांग की अपनी वैज्ञानिक मान्यता है जिसके चलते विश्व स्तर पर इसकी स्वीकार्यता भी है।
आज का हिन्दू पंचांग
16 मार्च 2022
सम्वत् -2078
सम्वत्सर - राक्षस (आनंद)
मास - फाल्गुन
पक्ष - शुक्ल
दिन - बुधवार
ऋतु - वसंत
तिथि - त्रयोदशी दिन - 12:39 मि. तक उपरांत चतुर्दशी।
नक्षत्र - मघा रात्रि - 11:44 मि. तक उपरांत पूर्वाफाल्गुनी।
योग - धृति रात्रि - 02:18 मि. तक उपरांत शूल
पंचक - नहीं है
भद्रा - नहीं है
मृत्युबाण - नहीं है
मूल - मघा का रात्रि - 11:44 मि. तक है
चंद्र राशि - सिंह
सूर्य राशि - मीन
सूर्य नक्षत्र - पूर्वाभाद्रपद
दिशाशूल - उत्तर में
अभिजित मुहूर्त - नहीं है
राहुकाल - दिन - 12:00 मि. से 01:30 मि. तक
सूर्योदय - 06:04 मि.
सूर्यास्त - 05:56 मि.
व्रत - कुछ नहीं
पर्व - कुछ नहीं।
आज विशेष
दोष संघ विनाशक रवियोग रात्रि - 11:44 मि. तक।
Updated on:
16 Mar 2022 11:34 am
Published on:
16 Mar 2022 11:29 am
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