
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अपने बच्चे का जन्म प्रमाण-पत्र जनेसवा केंद्रों से आसानी से ऑनलाइन बन जाता था, लेकिन अब लोगों को अपने जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए खंड विकास कार्यालय का चक्कर लगाने पड़ेंगे। इसके लिए पंचायती राज विभाग उत्तर प्रदेश निदेशक ने यूपी के सभी जिलों के समस्त जिला पंचायत राज अधिकारी को शासनादेश जारी कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों के जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र जहां आसानी से जनसेवा लोकवाणी केंद्रों से निर्गत किये जा रहे थे। वही अब लोगों के प्रमाण पत्र सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) सॉफ्टवेयर द्वारा बनाने में पसीने छूट जाएंगे।
शासनादेश में प्रदेश के समस्त डीपीआरओ को निर्देशित किया गया है कि सीआरएस सॉफ्टवेयर के द्वारा ऑनलाइन जन्म प्रमाण-पत्र के लिए पंजीकरण की व्यवस्था बीते एक अक्टूबर सन 2015 से पूरे प्रदेश में लागू की जा चुकी है। इसका अनुपालन एक फरवरी से शुरू कर दिया गया है। जन सुविधा केंद्रों से बन रहे जन्म मृत्यु प्रमाण पत्रों को 31 जनवरी को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब ग्रामीण क्षेत्रों के उक्त प्रमाण पत्र शहरी क्षेत्रों की तर्ज पर बनाए जाएंगे।
ऐसे बनेगा प्रमाण पत्र
उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों से किसी को जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन करना है तो उसके लिए सबसे पहले अपने गांव के संबंधित ग्राम विकास अधिकारी से अनुलब्धता फार्म लेना होगा। इसको भरकर नोटरी के साथ एसडीएम से आर्डर पास कराना होगा। तत्पश्चात बैंकों से प्रतिवर्ष की दर से समन शुल्क भी देना होगा। सभी कागजी कोरम पूरा करने के बाद ब्लाक कार्यालय में आवेदन के लिए देना होगा। इसके बाद ही आपको अपने बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनकर मिलेगा।
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ब्लॉक द्वारा हर गांव में लगेगा जागरूकता कैंप
सीआरएस पोर्टल पर जन्म पंजीयन का कार्य काफी दिनों से चल रहा है। इस कार्य में तेजी लाने के लिए पंचायती राज विभाग ने स्वास्थ्य विभाग समेत कई विभागों को निर्देश जारी किया है। इससे कि जन्म पंजीयन का कार्य तेजी से हो सके। अब लोगों को काफी सहुलियतें मिलेंगी। इसके लिए जल्द ही ब्लॉक द्वारा गांव-गांव में लोगों के लिए जागरूकता कैंप लगाया जाएगा।
Updated on:
05 Feb 2021 12:21 pm
Published on:
05 Feb 2021 11:09 am
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