गर्मी की वजह से बढ़ी संख्या
भैसा कुंड श्मशान घाट पर पहले रोजाना 15 से 20 अंत्येष्टियाँ होती थीं, लेकिन हाल के दिनों में यह संख्या 40 तक पहुंच गई थी। सेवादार गिरिजाशंकर व्यास बाबा ने बताया कि पिछले पांच दिनों से शवों की संख्या अचानक बढ़ गई थी। पहले यह संख्या 15-20 थी, लेकिन अब रोजाना करीब 30 शव आ रहे थे।
लकड़ी की कीमत में हुई बढ़ोत्तरी
गुलाला घाट के सेवादार वीरेंद्र पांडेय ने बताया कि पहले ऐशबाग से शव जलाने के लिए लकड़ी 500-550 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर मिलती थी, लेकिन अब यह 700 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। लकड़ी की व्यवस्था काकोरी, मलिहाबाद और संडीला से की जा रही है। एक शव को जलाने में करीब सात क्विंटल लकड़ी लगती है।
रविवार के मौसम की वजह से नहीं आई मौत की खबर
भैसा कुंड श्मशान घाट के सेवादार ने बताया कि यहां लकड़ी 630 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर उपलब्ध है, लेकिन अचानक बढ़ती संख्या के कारण लकड़ियों की कमी हो गई। यही स्थिति पिपराघाट, विकास नगर, आलमबाग समेत अन्य श्मशान घाटों की रही। रविवार को मौसम में कुछ नरमी आने से हीटवेव से मौतों की खबर नहीं मिली, जिससे श्मशान घाटों पर दाह संस्कार की संख्या में कमी आई।