31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कुश की एक गांठ कर देती है मालामाल, जानिये कैसे करें इसका सही उपयोग

कुश को लाल कपड़े में लपेटकर घर में रखने से समृद्धि बनी रहती है।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Akansha Singh

Feb 06, 2018

lucknow

जानिए कुश से जुड़ी रौचक जानकारी

लखनऊ. अपने जीवन में सुख समृद्धि लानी है तो कुश घास को अपने जीवन का एक हिस्सा बनाए। खेतों, मेड़ों पर पाई जाने वाली ये कोई मामूली घास नहीं है। ये आपके जीवन को धन दौलत से भर सकती है। लखनऊ के इंदिरा नगर स्थित आचर्य अशोक कुमार पांडेय ने बताया कि कुश को लाल कपड़े में लपेटकर घर में रखने से समृद्धि बनी रहती है। सुल्तानपुर में धरती पर कुश घास की मात्रा अधिक पायी जाती है।

कैसी होती है कुश घास

चारे के रूप में कम प्रयुक्त होने वाली दीर्घजीवी घास, जो अमरबेल की तरह होती है। यह घास अगर जरा सी भी भूमि के अन्दर रह जाये तो वह पौधे का रूप धारण कर लेती है। कुश एक प्रकार का तृण है। कुश की पत्तियाँ नुकीली, तीखी और कड़ी होती है।

अध्यात्म के क्षेत्र में विशेष महत्व रखती है कुश

कुश घास देव, पितर, प्रेत व पूजा में समान महत्व रखती है। इसको अनामिका में धारण करने के उपरान्त ही सभी माॅगलिक व अमाॅगलिक कार्यो में विधान पूर्ण होता है। धार्मिक दृष्टि से यह बहुत पवित्र समझी जाती है और इसकी चटाई पर राजा लोग भी सोते थे। वैदिक साहित्य में इसका अनेक स्थलों पर उल्लेख है। अर्थवेद में इसे क्रोध नाशक और अशुभ निवारक बताया गया है। आज भी नित्य-नैमित्तिक धार्मिक कृत्यों और श्राद्ध आदि कर्मों में कुश का उपयोग होता है। कुश से तेल निकाला जाता था, ऐसा कौटिल्य के उल्लेख से ज्ञात होता है। भावप्रकाश के मतानुसार कुश त्रिदोष नाशक है।

कुश की अंगूठी पहनना होता है शुभ
कुश की अंगूठी बनाकर अनामिका उंगली पहना जाता है। ऐसा करने से हाथ में संचित आध्यात्मिक शक्ति पुंज दूसरी उंगलियों में नहीं जाती है, क्योंकि अनामिका के मूल में सूर्य का स्थान होने के कारण यह सूर्य की उंगली है। कर्मकांड के दौरान यदि भूल से हाथ जमीन पर लग जाए तो बीच में कुश का ही स्पर्श होगा। इसलिए कुश को हाथ में भी धारण किया जाता है। इसके पीछे मान्यता यह भी है कि हाथ की ऊर्जा की रक्षा न की जाए, तो इसका बुरा असर हमारे दिल और दिमाग पर पड़ता है।

ये हैं मान्यताएं

- माना जाता है कि यदि किसी मृत्य पंचक में हो जाती है घर में पांच सदस्यों की और मृत्यु होती है। इसके निवारण में 5 कुश के पुतले बनाकर मृतक के साथ जला देने से ऐसा नहीं होता है।

- कुश की जड़ों से बनी दानों की माला से पापों का शमन, कलंक हटाने, प्रदुषण मुक्त करने व व्याधि का नाश होता है।

- कुश घास में बने आसन पर बैठकर पूजा करना ज्ञानवर्धक, देवानुकूल व सर्वसिद्ध दाता बनता है। इस आसन पर बैठकर ध्यान साधना करने से तन-मन से पवित्र होकर बाधाओं से सुरक्षित रहता है।

- कुश को लाल कपड़े में लपेटकर घर में रखने से समृद्धि बनी रहती है।

- ग्रहण काल से पूर्व सूतक में इसे अन्न-जल आदि में डालने से ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचते है।