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Income Tax department ने दी करदाताओं को राहत, Faceless Assessment Scheme में किया बड़ा बदलाव

Income Tax department : आयकर विभाग ने अपनी Faceless Assessment Scheme में बड़ा बदलाव कर दिया है। इस बदलाव के तहत अब अगर Taxpayers चाहें, तो वह इनकम टैक्स ऑफिसर के सामने अपनी बात वीडियो कॉलिंग के जरिए भी रख सकते हैं। आपको बता दें कि इससे पहले इनकम टैक्स के चीफ कमिश्नर या फेसलेस अपील सेंटर के डायरेक्टर जनरल से अनुमति के बिना इस तरह की बातचीत नहीं होती थी।

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income tax Department : नये साल से पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने करदाताओं को एक बड़ी राहत दी है। दरअसल, आयकर विभाग ने अपनी Faceless Assessment Scheme में बड़ा बदलाव कर दिया है। इस बदलाव के तहत अब अगर करदाता चाहें, तो वह इनकम टैक्स ऑफिसर के सामने अपनी बात वीडियो कॉलिंग के जरिए भी रख सकते हैं। आपको बता दें कि इससे पहले इनकम टैक्स के चीफ कमिश्नर या फेसलेस अपील सेंटर के डायरेक्टर जनरल से अनुमति के बिना इस तरह की बातचीत नहीं होती थी। मगर अब इस स्कीम में हुए इस सकारात्मक बदलाव से निश्चित तौर पर करादाताओं को बड़ी राहत मिलेगी।

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मांग करने पर दी जाएगी सुविधा

इस संबंध में सीबीडीटी यानि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने जो विज्ञप्ति जारी की है उसके मुताबिक, यह नई सुविधा उन्हीं करदाताओं को दी जाएगी जो इस सुविधा की मांग करेंगे। यानी अब अगर करदाता चाहें, तो वह इनकम टैक्स ऑफिसर के सामने अपनी बात वीडियो कॉलिंग के जरिए भी रख सकते हैं। हांलाकि इस प्रक्रिया के दौरान भी करदाता और इनकम टैक्स अधिकारी नहीं मिलेंगे।

आपको बता दें कि सीबीडीटी ने सितंबर 2020 में फेसलेस असेस्मेंट स्कीम की शुरुआत की थी। इस स्कीम के तहत करदाताओं को सारी जानकारी ईमेल के जरिए ऑनलाइन ही भेजनी होती थी। वहीं अगर कोई करदाता अपनी बात रखने के लिए आयकर अधिकारियों से मिलना चाहता था तो उसे इसके लिए खास इजाजत लेनी पड़ती थी। ये इजाज़त इनकम टैक्स के चीफ कमिश्नर या फेसलेस अपील सेंटर के डायरेक्टर जनरल ही दे सकते थे। लेकिन इस बदलाव के बाद अब इसकी जरूरत बिल्कुल नहीं पड़ेगी।

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फेसलेस स्कीम का उद्देश्य ये है कि आयकर अधिकारी, करदाताओं को बेवजह परेशान न कर सकें। इस स्कीम के तहत ऑनलाइन आवेदन करने पर टैक्सपेयर का मामला एक ऑटोमेटेड सर्वर के जरिए अलग रीजनल असेसमेंट सेंटर में पहुंच जाता है। उदाहरण के लिए, कानपुर के टैक्सपेयर का असेसमेंट चेन्नई का ऑफिसर करेगा और लखनऊ के टैक्सपेयर का केस मुंबई में असेस होगा। इस योजना के तहत दोनों टैक्सपेयर और टैक्स अधिकारी न कभी मिलते हैं न जानते हैं। इससे टैक्स ऑफिसर करदाता को बेवजह परेशान नहीं कर सकता है।

अदालत में लगे थे पहुंचने मामले

इस स्कीम के तहत टैक्सपेयर के मामले कोर्ट पहुंचने लगे कि उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल रहा था। इसलिए वीडियो कांफ्रेंसिंग की इजाजत दी गई है। अब करदाता अपने केस के ऑफिसर इन चार्ज को सीधा अपील भेज पाएंगे।