
नबाबों का वो "पहले आप" की पहचान रखने वाले शहर लखनऊ कई खासियत समेटे हुए है। उन्हीं में से एक है देश का सबसे ऊंचा घंटाघर। इस घंटाघर की ऊंचाई 221 फीट है। बताया जा रहा है इसका निर्माण 1881 में नवाब नसीर उद्दीन हैदर ने सर जॉर्ज कूपर के स्वागत में बनवाया गया था। जो उस समय संयुक्त राज्यों के पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर थे। इस घंटाघर को बनाने में समय 1.75 लाख रुपए की लागत आई थी। इतिहास को देखे तो पता चलता है की यह 6 सालो में बनकर तैयार हो गया था। बताया जाता है की एक समय ऐसा भी था जब सारा शहर इसी घंटाघर के इसरो पर चलता था।
लंदन से मंगवाई गई थी सुईयां
वहीं इसकी खूबसूरती की बात करे तो वर्तमान में इसकी नक्काशी देखने से यह साफ हो जाएगा की इसका निर्माण लंदन के बिग बेन की तर्ज पर ही किया गया हैं। इसकी गवाही इतिहास भी रही है। इसका पेंडुलम 14 फीट लंबा, डेढ़ इंच मोटा है। कहा जाता है की इसकी सुईयों को लंदन से मंगवाया गया था। इसकी सबसे बड़ी सुई 6 फीट लंबी और छोटी सुई साढ़े चार फीट की है। इस घंटाघर में एक हाल और एक कमरा भी बना हुआ है। इतना ही नहीं जिस स्थान पर घड़ी लगी है, वहां तक जाने के लिए अंदर सीढ़ियां भी बनी हुई हैं।
शहर की खूबसूरती का केंद्र
इस घंटाघर की मुख्य खास बात यह है कि घंटाघर की घड़ी में हर हफ्ते चाबी भरने के लिए दो लोग ऊपर जाते है, और फिर अपना काम करके उतार आते है। वहीं घंटाघर में एक पेंडुलम भी लगा हुआ था। जिसे अब उतार दिया गया है। लेकिन इसके बाद भी यह शहर की खूबसूरती का केंद्र बना हु़आ है। तब से लेकर आज भी यंहा कई दर्जन लोग रोज इसकी खूबसूरती देखने आते है और अपने कमरे में यहां की यादों को संजोते हैं।
Published on:
31 May 2022 05:41 pm
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