
IRCTC. : क्या आप स्वरोजगार करना चाहते हैं। किसी सरकारी एजेंसी के साथ जुडकऱ काम करने के इच्छुक हैं। यदि हां, तो आपके लिए भारतीय रेलवे की सहयोगी कंपनी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म यानी आईआरसीटीसी सबसे बढिय़ा विकल्प हो सकता है। आईआरसीटीसी यूं तो कई तरह की सेवाएं उपलब्ध कराती है लेकिन, इसकी टिकट बुकिंग सेवा काफी सुगम और जानी-मानी सेवा है। आप चाहें तो आईआरसीटीसी की वेबसाईट पर टिकट बुक करके हर महीने अच्छी कमाई कर सकते हैं। इस काम के लिए आईआरसीटीसी ने कमीशन तय कर रखे हैं। प्रत्येक टिकट की बुकिंग पर बहुत अच्छा कमीशन मिलता है। आप को पता ही है कि हर रोज लाखों यात्री रेल यात्रा करते हैं। जितने ज्यादा टिकट बुक किए उतनी ज्यादा कमायी। तो आइए जानते हैं आईआरसीटीसी का टिकट बुकिंग एजेंट यानी आरटीएसए (रेल ट्रेवल सर्विस एजेंट) को ट्रेन की टिकट बुक करने में कितना मिलता है कमीशन-
आईआरसीटीसी रेल टिकट बुकिंग एजेंट बनने की शर्तें
आरटीएसए स्कीम मूल रूप से 1985 में लागू हुई थी। लेकिन, रेल मंत्रालय ने 2014 में रेल ट्रैवल सर्विस एजेंट (आरटीएसए) स्कीम को कुछ संशोधनों के साथ दोबारा लागू किया था। भारतीय रेलवे की सहयोगी कंपनी आईआरसीटीसी का रेलवे टिकट बनने के लिए एजेंट बनना होता है। इन्हें रेलवे की भाषा में आरटीएसए यानी रेल ट्रेवल सर्विस एजेंट कहते हैं। एजेंट को ट्रेन की टिकट बुक करने के बदले में कमीशन मिलता है। रेल ट्रेवल सर्विस एजेंट बनने के लिए कम से कम हाई स्कूल उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके अलावा कम से कम 25 हजार रुपए खर्च करने की क्षमता होनी चाहिए।
रेल ट्रेवल सर्विस एजेंट के लिए आवेदन
रेल ट्रेवल सर्विस एजेंट यानी आरटीएसए बनने के लिए आवेदक से सबसे पहले आईआरसीटीसी की बेवसाइट www.irctc.co.in पर जाकर एजेंट के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है। आईआरसीटीसी की वेबसाईट पर आवेदन की शर्तों को पूरा करते हुए एक एग्रीमेंट भी करना होता है। इसके बाद आपको क्लास थर्ड पर्सनल डिजिटल सर्टिफिकेट लेना होता है।
रेल ट्रेवल एजेंट को कितनी लगानी होती है पूंजी
रेल ट्रेवल सर्विस एजेंट बनने के लिए आवेदन करते समय आपको अपना पैन कार्ड, आधार कार्ड और इनकम टैक्स का पूरा ब्योरा देना होता है। इसके अलावा बांड पेपर आदि की भी जरूरत होती है। ज्यादा जानकारी संबंधित रेलवे जोन से मिल सकती है। इन कागजातों के साथ पहली बार बीस हजार रुपए का डिमांड ड्राफ्ट आईआरसीटीसी के नाम देना होता है। हर साल कॉन्ट्रैक्ट जारी रखने के लिए पांच हजार रुपए अतिरिक्त देने होते हैं। पहले साल में जमा किए गए बीस हजार रुपए में से दस हजार रुपए वापस मिल जाते हैं। बाकी रुपए रेलवे के पास बतौर सिक्योरिटी जमा रहते हैं।100 रुपए के स्टांप पेपर पर अग्रीमेंट बनवाना होता है। इसमें बीस हजार रुपए वाला डिमांड ड्राफ्ट जोडऩा होता है। इसके अलावा एक कंप्यूटर और एक प्रिंटर की व्यवस्था करनी होती है। इसमेें में भी कम से कम 25 हजार खर्च होते हैं। अच्छी लोकेशन पर दुकान लेनी होती है। इस तरह प्रारंभिक खर्च कम से कम एक लाख रुपए आ जाता है।
आईआरसीटीसी एजेंट से कितनी होगी कमाई
आईआरसीटीसी की वेबसाईट पर टिकट बुक करने पर प्रति टिकट के हिसाब से कमाई होती है। इसके लिए आईआरसीटीसी ने टिकट बुकिंग का कमीशन तय किया हुआ है। स्लीपर क्लास के प्रति टिकट के लिए अधिकतम 30 रुपए और एसी क्लास के प्रति टिकट के लिए अधिकतम 50 रुपये ग्राहकों से कमीशन के रूप मिलता है। इसमें सर्विस टैक्स अलग से मिलता है। इस तरह भारतीय रेलवे के साथ मिलकर आप बढिय़ा कमाई कर सकते हैं। आईआरसीटीसी के एजेंट हर शहर में होते हैं।
कब से लागू है नियम
13 अप्रैल, 2016 को जारी रेल मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार आरटीएसए यात्रियों से प्रति टिकट दोगुना सर्विस चार्ज वसूल सकता है। यानी आरटीएसए को द्वतीय श्रेणी व स्लीपर क्लास के यात्रियों से प्रति टिकट 20 रुपए, जबकि इससे ऊपर की श्रेणियों के लिए प्रति टिकट 40 रुपये का सेवा शुल्क वसूलने करने का अधिकार है। इसके अलावा यात्री टिकट सुविधा केंद्र (वाईटीएसके) तथा स्टेशन टिकट बुकिंग एजेंट (एसटीबीए) तथा जन साधारण टिकट बुकिंग सेवक (जेटीबीएस) इन्हीं दरों पर सेवा शुल्क वसूलने के अधिकारी हैं। आरटीएसए, ई-टिकट एजेंटों तथा वाईटीएसके को बिना किसी पाबंदी के "सुविधा" ट्रेनों के टिकट बुक कर सकते हैं। लाइसेंस का नवीकरण तीन वर्ष में होता है। इसके लिए 10 हजार रुपए शुल्क देना होता है।
Updated on:
18 Jan 2018 01:02 pm
Published on:
12 Jan 2018 06:37 pm
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