20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ब्लड कैंसर के इलाज की नई तकनीकों पर होगी चर्चा, जुटेंगे दुनिया भर के एक्सपर्ट

हिमैटोलॉजी चिकित्सा विज्ञान का एक नव विकसित क्षेत्र है और भारत व भारतीय उप महाद्वीप में इसके विशेषज्ञों की काफी कमी है।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Laxmi Narayan

Feb 15, 2018

blood cancer

लखनऊ. रक्त कैंसर इस समय चिकित्सकों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। इस बीमारी के इलाज को लेकर लगातार नए तरह के शोध जारी हैं। दुनिया भर में ब्लड कैंसर पर चल रहे शोधों पर चर्चा और जानकारी के आदान-प्रदान के मकसद से लखनऊ में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला में ब्लड कैंसर के लिम्फोमा और माइलोमा प्रकारों पर चर्चा होगी। किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के डॉक्टर ए के त्रिपाठी ने बताया कि इस कार्यशाला में इटली, पोलैंड, इजरायल, चेक रिपलब्लिक, स्पेन, नीदरलैंड, आयरलैंड सहित नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और मालदीव के विशेषज्ञ और शोधार्थी हिस्सा लेंगे।

ट्यूटोरियल नाम से आयोजित होगी कार्यशाला

इंडियन सोसाइटी ऑफ हिमैटोलॉजी एंड ब्लड ट्रांसफ्यूजन - यूरोपियन हिमैटोलॉजी सोसाइटी ट्यूटोरियल 2018 नाम से तीन दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत 16 फरवरी से होने जा रही है। डॉक्टर त्रिपाठी ने बताया कि आज चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में इतनी प्रगति हो चुकी है कि किसी के लिए भी ब्लड कैंसर का प्रबंधन और उसके इलाज से जुडी सभी जानकारियां पूरी तरह से रख पाना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है। इस बात को ध्यान में रखते हुए ऐसे कार्यक्रमों की जरूरत बनी रहती है। तीन दिनों के इस कार्यक्रम को ट्यूटोरियल का नाम दिया गया है।

50 चिकित्सकों को मिलेगा फेलोशिप

डॉक्टर त्रिपाठी ने बताया कि हिमैटोलॉजी चिकित्सा विज्ञान का एक नव विकसित क्षेत्र है और भारत व भारतीय उप महाद्वीप में इसके विशेषज्ञों की काफी कमी है। ऐसे में चिकित्सा के विद्यार्थियों और चिकित्सकों में रक्त कैंसर के प्रति अभिरुचि पैदा करने में भी यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। चिकित्सकों और शोधार्थियों को प्रेरित करने के लिए सोसाइटी ने 50 चिकित्सकों को फेलोशिप भी प्रदान की है जो इस ट्यूटोरियल में हिस्सा लेने आ रहे हैं ।

यह भी पढें - पत्रिका अभियान - किसानों को बाजार उपलब्ध कराना और मूल्य देना बनी बड़ी चुनौती