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Kainchi Dham: कल लगेगा नीम करौली दरबार में दिव्य मेला, जानिए कैसे बना नीम करौली का कैंची धाम

कैंची धाम में कल यानी 15 जून के मेले में बाबा नीम करौली के भक्तों का जमावड़ा लग जाता है। कैंची धाम की स्थापना बाबा नीम करौली महाराज ने की थी।

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लखनऊ

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Prateek Pandey

Jun 14, 2024

Kainchi Dham

15 जून को कैंची धाम में लगने वाले मेले में बाबा के भक्तों की खूब भीड़ लगती है। कैंची धाम की स्थापना 1964 में की गई थी। ऐसा बताया जाता है कि बाबा नीब करौरी महाराज सन 1961 में पहली बार कैंची धाम आए थे।

60वां स्थापना दिवस है इस साल

इस साल कैंची धाम का 60वां स्थापना दिवस धूम-धाम से मनाया जाएगा। आपको बता दें कि सुबह की आरती होने के बाद बाबा को भोग लगाकर मालपुए का प्रसाद दिया जाएगा। इस बीच धाम के आस-पास वाहनों की आवाजाही बन्द रहेगी। धाम में बड़े स्तर पर मेला भी लगाया जा रहा है।

नैनीताल से 65 किलोमीटर दूर है कैंची धाम

नीम करौली महाराज का कैंची धाम नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर बना है। धार्मिक मान्यताओं की बात करें तो कैंची एसा कहा जाता है कि इस धाम से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता। कहा जाता है कि यहां पर मांगी गई हर मुराद को बाबा नीब करौरी महाराज पूरा कर देते हैं। यहां आने वाले लोगों की मान्यता है कि बाबा नीम करौली महाराज का पावन कैंची धाम चमत्कारों से भरा हुआ है। इस धाम में एप्‍पल के संस्‍थापक स्‍टीव जॉब्‍स, फेसबुक के संस्‍थापक मार्क जुकरबर्ग भी माथा टेक चुके हैं।

कैसे बना कैंची धाम?

कहा जाता है कि 1962 में बाबा पहली बार कैंची आए और यहां हनुमान मंदिर की नींव रखी। बताया जाता है कि नीम करौली महाराज तुलाराम साह और श्री सिद्धि मां के साथ रानीखेत से नैनीताल जा रहे थे और तभी बाबा इस जगह पर गाड़ी से उतर गए। बाबा सड़क के किनारे बैठकर एकाएक मंदिर वाली जगह की तरफ देखने लग गए। तत्काल ही उन्होंने उस जगह सोमबारी महाराज की गुफा और धूनी को देखने की इच्छा जाहिर की और स्थान को चिन्हित कर सफाई करवाने के आदेश दिए। इसके बाद मंदिर बनने की कयावद शुरु हुई।