14 नवंबर को मिला था पत्र किरण तिवारी के नाम से 14 नवंबर की दोपहर खुर्शेबाग स्थित घर के पते पर एक बंद लिफाफा भेजा गया था। इसे खोलने पर नौ पन्ने का एक पत्र निकला। दो पन्नों के पत्र में उर्दू भाषा में कुछ लिखा हुआ था। किरण का कहना है कि उन्होंने उर्दू के पन्नों में लिखी बातों का हिंदी में अनुवाद कराया, तो उसमें धमकी देने की बात सामने आई।
गौरतलब है कि 18 अक्टूबर को हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या कर दी गई। कमलेश तिवारी की हत्या ने राजधानी लखनऊ में खलबली मचा दी। 18 अक्टूबर को भगवा कुर्ता पहनकर उनसे मिलने आए दो लोगों ने उनकी गला रेत कर हत्या कर दी और फिर फरार हो गए। यूपी पुलिस से लेकर गुजरात एटीएस तक आरोपियों की पकड़ के लिए लग गई।
कमलेश के कार्यालय पर मिले सूरत की एक दुकान के मिठाई के डिब्बे और कॉल डिटेल के आधार पर यूपी पुलिस ने गुजरात एटीएस से संपर्क किया था। गुजरात एटीएस ने सूरत से कमलेश की हत्या की साजिश में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। तीनों से पूछताछ में हत्या करने वाले शेख अशफाक हुसैन और पठान मोइनुद्दीन अहमद के नाम भी पता चल गए थे। इसके बाद से से एटीएम और लखनऊ पुलिस समेत कई अन्य सुरक्षा एजेंसियां हत्यारोपितों की तलाश में जुट गई थीं। बता दें कि कमलेश तिवारी की हत्या के बाद उनकी पत्नी को हिंदू समाज पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया।