24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

गरीब की बेटी का पूरा गांव करेगा कन्यादान

निगोहां क्षेत्र के उतरावां ग्राम पंचायत की रोशनी के कन्यादान के लिए ग्रामीणों के अलावा कई जनप्रतिनिधि भी आगे आ गए हैं।

2 min read
Google source verification

image

Ashish Kumar Pandey

Apr 06, 2016

Kanyadan

Kanyadan

लखनऊ.
इस खबर को आप पढ़ने के
बाद यही कहेंगे कि क्या बात है कितने अच्छे लोग हैं इस गांव के। एक गरीब के
घर जब बेटी जन्म लेती है तो वह उसी समय से उसके बड़े होने पर हाथ पीले
करने के सपने संजोने लगता है, लेकिन गरीब को अपनी सयानी बेटी के हाथ पीले
करने के लिए हजार बाधाएं आती हैं। लेकिन राजधानी से पास एक एेसा गांव है
जहां गरीब की बेटी के शादी में सभी सहयोग को आगे आए हैं। निगोहां क्षेत्र
के उतरावां ग्राम पंचायत
की रोशनी के कन्यादान के लिए ग्रामीणों के अलावा कई जनप्रतिनिधि भी आगे आ
गए हैं।


शादी तो 23 अप्रैल को है, लेकिन इस विवाह का उल्लास पूरे
गांव में अभी से देखने को मिल रहा है। गांव में चारो आेर रोशनी की शादी की
चर्चा हो रही है। ग्रामीण विवाह में होने
वाले खर्च के लिए चंदा लगा रहे हैं। कुंदनगंज रायबरेली निवासी
विद्यावती
विधवा हैं। विद्यावती शरीर से लाचार हैं और उनका बेटा धर्मेन्द्र भी मानसिक
मंदित है। करीब तीन साल पहले पति की मौत के बाद ससुराल पक्ष ने भी किनारा
कर लिया है। ऐसे में विद्यावती अपने बच्चों के साथ निगोहां के
उतरावां गांव निवासी अपने एक रिश्तेदार के घर आ गईं। रिश्तेदार परिवार भी
गरीब तबके का है। ऐसे में विद्यावती ने लोगों के घरों पर काम करके रोटी का
जुगाड़ करना ही अच्छा समझा। जब बेटी बड़ी हुर्इ तो विद्यावती ने हाल ही में
उसकी शादी तय कर दी। विद्यावती कहती हैं कि बेटी सयानी हो गई है, किसी तरह
उसके हाथ पीले हो
जाएं बस यही हमारी ईश्वर से प्रार्थना है, लेकिन विद्यावती बारात के खर्चे
को लेकर परेशान हैं।


जब यह बात गांव में फैली तो ग्राम प्रधान ने पंचायत
में बात रखी।
फिर क्या था उसके बाद तो ग्रामीणों ने कन्यादान का बीड़ा उठा लिया। किसी ने
रुपये, कोई
बेड, टीवी, पंखा आदि वैवाहिक सामान की व्यवस्था में लग गया। सबसे बड़ी बात
तो यह है कि कन्यादान से
जुड़े हर जरूरी सामान से लेकर राशन की व्यवस्था ग्रामीण कर रहे हैं।
इससे विद्यावती काफी खुश हैं कि उनकी बेटी के कन्यादान में पूरा गांव शामिल

होगा। यह एक मिसाल होगी, जहां सारे गांव वाले एक तरह से इस गरीब की बेटी को
अपनी बेटी ही समझ कर इसके शादी का पूरा खर्चा उठा रहे हैं। बारातियों का
स्वागत भी पूरा गांव करेगा।