जब यह बात गांव में फैली तो ग्राम प्रधान ने पंचायत
में बात रखी।
फिर क्या था उसके बाद तो ग्रामीणों ने कन्यादान का बीड़ा उठा लिया। किसी ने
रुपये, कोई
बेड, टीवी, पंखा आदि वैवाहिक सामान की व्यवस्था में लग गया। सबसे बड़ी बात
तो यह है कि कन्यादान से
जुड़े हर जरूरी सामान से लेकर राशन की व्यवस्था ग्रामीण कर रहे हैं।
इससे विद्यावती काफी खुश हैं कि उनकी बेटी के कन्यादान में पूरा गांव शामिल
होगा। यह एक मिसाल होगी, जहां सारे गांव वाले एक तरह से इस गरीब की बेटी को
अपनी बेटी ही समझ कर इसके शादी का पूरा खर्चा उठा रहे हैं। बारातियों का
स्वागत भी पूरा गांव करेगा।