
लखनऊ. किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग ने एक साल के ऐसे बच्चे का ऑपरेशन करने में सफलता हासिल की है जिसका लिवर बढ़कर फेफड़े तक पहुंच गया था। बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और एक साल से सर्दी-जुकाम की समस्या से भी वह परेशान था। जन्म से ही बच्चे के लिवर और फेफड़े के बीच डायफ्राम का विकास नहीं हो पाया था।
जन्म से ही थी सांस लेने में तकलीफ
जन्म से ही बच्चे के फेफड़े तक ऑक्सीजन पहुंचने में समस्या हो रही थी। लगभग पंद्रह दिन पहले बच्चे को किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में जांच के लिए लाया गया था। इससे पहले बच्चे को कई डॉक्टरों को दिखाया गया था। बच्चा निमोनिया से भी पीड़ित था। केजीएमयू के डॉक्टरों ने बच्चे का एक्सरे कराया और ऑपरेशन करने का निर्णय लिया।
दो घंटे तक चला ऑपरेशन
पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉक्टर जेडी रावत ने अपनी टीम के साथ ऑपरेशन की तैयारी शुरू की। बुधवार को डॉक्टर रावत के साथ डॉक्टर गुरमीत सिंह, एनेस्थीसिया के प्रोफेसर जीपी, सिस्टर मंजू व अन्य स्टाफ की टीम के साथ ऑपरेशन शुरू किया गया। दो घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद टीम ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर बच्चे की जन्मजात बीमारी को दूर करने में सफलता प्राप्त की।
लिवर में संक्रमण का था ख़तरा
डॉक्टर जेडी रावत ने बताया कि बच्चे के दाहिनी ओर फेफड़े में चीरा लगाकर खोला गया और ऑपरेट किया गया। इससे लिवर में संक्रमण का भी ख़तरा रहता है। आमतौर पर ऐसी बीमारी के ऑपरेशन में 50 हज़ार से एक लाख रूपये का खर्चा आता है लेकिन मेडिकल कॉलेज में इस ऑपरेशन पर लगभग दस हज़ार रूपये का खर्चा आया।
Updated on:
04 Jan 2018 03:41 pm
Published on:
04 Jan 2018 03:36 pm
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