27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Shri Krishna Janmashtami 2021 : वृंदावन के निधिवन में श्रीकृष्ण आज भी रचाते हैं रासलीला, जानें- क्या है पूरा रहस्य

Shri Krishna Janmashtami 2021 : ब्रजभूमि में कई ऐसी जगह हैं, जो लोगों के बीच सदियों से आस्था का केंद्र रही हैं। इनमें से कई जगहें चमत्कारों से भरी हैं। ऐसा ही एक रहस्य यूपी में स्थित वृंदावन के निधिवन से जुड़ा हुआ, जो श्रीकृष्ण और गोपियों की रासलीला के लिए प्रसिद्ध है। आइये जानते हैं इससे जुडी पौराणिक कहानियों की मान्यताओं के बारे में

3 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Hariom Dwivedi

Aug 21, 2021

Janmashtami 2021: क्या आप जानते हैं वृंदावन के निधिवन में आज भी श्री कृष्ण रचाते हैं रास लीला, जानें क्या है पूरा रहस्य

Janmashtami 2021: क्या आप जानते हैं वृंदावन के निधिवन में आज भी श्री कृष्ण रचाते हैं रास लीला, जानें क्या है पूरा रहस्य

लखनऊ. Shri Krishna Janmashtami 2021- वृंदावन को भगवान श्री कृष्ण की भूमि के रूप में जाना जाता है| धार्मिक नगरी वृन्दावन में निधिवन एक अत्यन्त पवित्र, रहस्यमयी धार्मिक स्थान है। और इसी क्रम में वृन्दावन स्थित निधिवन कई विभिन्न कारणों से लोकप्रिय माना जाता है। स्थानीय लोगों की मानें तो इस स्थान पर भगवान कृष्ण आज भी जाते हैं और हर रात रासलीला रचाते हैं।

क्या हैं मान्यताएं?

शास्त्रों में वर्णन के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात में ही गोपियों के साथ रासलीला की थी। किंतु, निधिवन के बारे में यह मान्यताएं रही हैं कि रोज रात श्रीकृष्ण गोपियों के साथ रासलीला रचाते हैं।

मान्यताओं के अनुसार श्री कृष्ण आज भी राधा रानी और गोपियों के साथ यह हर रात को रासलीला करते हैं।यही नहीं मान्यता यह भी है कि यहां रखे गए श्रृंगार के सामान से रोज़ राधा रानी श्रृंगार करती हैं और भगवान् कृष्णा प्रसाद ग्रहण करते हैं। इन मान्यताओं के कारण ही यह स्थान शाम को जल्दी बंद कर दिया जाता और किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं होती है। न केवल मनुष्य बल्कि यहां घूमने वाले पशु-पक्षी भी शाम होते ही वहां से चले जाते हैं। शाम होते ही आरती के बाद पट बंद कर दिए जाते हैं और सुबह तक सब बंद ही रहता है। भक्तों द्वारा यहां शृंगार का सामान एवं भोग चढ़ाया जाता है जो की अगली सुबह बिखरा मिलता है।और ऐसा माना जाता है की यहां स्थित बांके-बिहारी जी के मंदिर में श्री कृष्ण का अभिषेक एवं भोग कराने से भक्तों की समस्त इच्छाएं पूर्ण हो जाती है।


रंगमहल में श्री कृष्ण करते हैं शयन
मान्यता है कि निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण एवं श्रीराधा आज भी आधी रात के बाद रास रचाते हैं। और वह रास रचकर निधिवन स्थित रंग महल में शयन करते हैं। रंग महल में रोज़ प्रसाद के रूप में लड्डू या माखन मिश्री रखा जाता है जिसका भोग रोज़ भगवान् श्रीकृष्ण लगाते हैं। शयन के लिए पलंग लगाया जाता है और जब सुबह देखा जाता है तो उसमे पड़ी सिलवटों से ऐसा लगता है जैसे मनो वहां कोई आया हो और सोया हो, लोटे का पानी खाली और पान खाया हुआ मिलता है।

यह भी पढ़ें- जानें इस रक्षाबंधन अपने भाई-बहन के लिए क्या स्मार्ट गैजेट्स दें

निधिवन के वृक्षों की खासियत और मान्यता

लगभग दो ढ़ाई एकड़ क्षेत्रफल में फैले निधिवन के वृक्षों की मान्यता यह है कि यहां लगे सभी पेड़ पौधे रात में गोपियां बन जाती हैं और श्री कृष्णा और राधा रानी के साथ नृत्य करते हैं। और सुबह होते ही फिर से पेड़ पौधों में परिवर्तित हो जाते हैं। यहाँ स्थित सभी पौधे जोड़े में लगे हुए हैं एवं पेड़ की शाखाएं भी एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। इनमें से किसी भी वृक्ष के तने सीधे नहीं मिलेंगे तथा इन वृक्षों की डालियां नीचे की ओर झुकी तथा आपस में गुंथी हुई मालूम होती हैं। यहां लगे वृक्षों की शाखाएं ऊपर की ओर नहीं बल्कि नीचे की ओर बढ़ती हैं। कोई भी इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान ले जा नहीं सकता है।

वन के आसपास बने घरों में नहीं बनती हैं खिड़कियां
वन के आसपास बने घरों में उस तरफ खिड़कियां नहीं बनायीं जाती हैं। अगर कोई बनवाता भी है तो शाम सात बजे मंदिर की आरती का घंटा बजते ही लोग इन खिड़कियों को बंद कर लेते हैं। कुछ लोगों ने तो वन की तरफ बनी खिड़कियों को ईंटों से बंद करवा दिया है। जिससे कोई चाहकर भी इस वन की तरफ नहीं देख सके।

स्थानीय लोगों का मानना
स्थानीय लोगों का मानना है कि शाम के बाद कोई इस वन की तरफ नहीं देखता| क्युकी ऐसी बहुत सी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें जिस किसी ने भी श्री कृष्ण का रास देखने की कोशिश की वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठा है। निधिवन दर्शन के दौरान वृन्दावन के पंडे-पुजारी, गाईड द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार भी निधिवन में रोज़ रात में होने वाली श्रीकृष्ण की रासलीला को जो कोई भी देखने की कोशिश करता है तो वह अंधा, गूंगा, बहरा या पागल हो जाता है ताकि वह इस रासलीला के बारे में किसी को बता ना सके।आज तक जिस किसी ने भी कोशिश की वह किसी न किसी आपदा का शिकार हुआ है।

यह भी पढ़ें- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कब है? और जानें क्या करे इस दिन

रिपोर्ट- महिमा सोनी