
लक्ष्य सेन रिपब्लिक ऑफ चाइना के चेंगडू में 27 अप्रैल से 5 मई तक होने वाले बैडमिंटन के प्रतिष्ठित थॉमस कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे। उनके साथ पिता कोच डीके सेन भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच के रूप में होंगे। पिता पुत्र की यह जोड़ी कोच और खिलाड़ी बनकर दूसरी बार भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर रही है। लक्ष्य सेन के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने गत वर्ष थाईलैंड में पहली बार यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीता था। इस बार भी लक्ष्य सेन से करिश्माई प्रदर्शन की उम्मीद करोड़ों खेल प्रेमियों को होगी।
लक्ष्य सेन ने कुद दिन पूर्व फ्रेंच ओपन और ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीते हैं। इसके चलते उन्होंने इस वर्ष जुलाई में होने वाले पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है। लक्ष्य सेन उत्तराखंड से ओलंपिक में प्रतिभाग करने वाले पहले बैडमिंटन खिलाड़ी होंगे।
अल्मोड़ा के तिलकपुर वार्ड में जन्मे लक्ष्य सेन को बैडमिंटन खेल विरासत के रूप में मिला है। उनके दादा स्व. सीएल सेन को अल्मोड़ा में बैडमिंटन के जनक के तौर पर जाना जाता है। उनके पिता डीके सेन भी एक अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में बतौर कोच अपनी सेवाएं दी हैं। साथ ही वह भारतीय जूनियर और सीनियर टीम के साथ कोच बनकर विदेशों में गये हैं। उनके प्रशिक्षण में कई खिलाड़ियों ने देश को पदक दिलाए हैं। लक्ष्य का बड़ा भाई चिराग सेन भी एक अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।
Updated on:
23 Apr 2024 04:39 pm
Published on:
23 Apr 2024 04:37 pm
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