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ब्रजभूषण से तकरार में हटीं DM नेहा शर्मा, मेधा-दीपक-रवींद्र को मिले बड़े जिले: यूपी में 23 IAS के तबादले

Transfer of IAS officers in UP: उत्तर प्रदेश में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। योगी सरकार ने 23 IAS अफसरों के तबादले किए हैं, जिनमें 10 जिलों के DM शामिल हैं।

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लखनऊ

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Mohd Danish

Jul 29, 2025

Large scale transfer of IAS officers in Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश में IAS अधिकारियों के बड़े स्तर पर तबादले | Image Source - Social Media

Transfer of IAS officers in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में आईएएस अधिकारियों के बड़े स्तर पर तबादले किए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सोमवार देर रात 23 सीनियर IAS अधिकारियों को इधर से उधर कर दिया, जिनमें से 10 जिलों के जिलाधिकारी (DM) भी शामिल हैं। इस फेरबदल में जहां कुछ अधिकारियों को अच्छे काम का इनाम मिला, वहीं कुछ को विवादों या राजनीतिक कारणों से हटाया गया।

सूत्रों का कहना है कि यह ट्रांसफर लिस्ट सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय और उनके अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल की सिफारिश पर तैयार की गई है।

10 जिलों के डीएम बदले गए, जानिए किन वजहों से?

  1. नेहा शर्मा (DM गोंडा से हटाईं गईं)

कारण: ब्रजभूषण सिंह से तकरार और लंबा कार्यकाल - नेहा शर्मा जून 2023 से गोंडा की डीएम थीं। बताया जा रहा है कि बृजभूषण शरण सिंह और उनके परिजनों को नेहा शर्मा की कार्यशैली से शिकायतें थीं।

हाल ही में योगी और ब्रजभूषण के बीच रिश्ते सुधरे, जिसके बाद यह ट्रांसफर देखा जा रहा है। हालांकि अफसरों का कहना है कि दो साल से ज्यादा का कार्यकाल पूरा होने की वजह से भी यह निर्णय हुआ है।

  1. प्रियंका निरंजन (DM मिर्जापुर से गोंडा भेजीं गईं)

कारण: अपना दल की नाराजगी - मिर्जापुर की डीएम रहीं प्रियंका निरंजन के खिलाफ अपना दल (एस) ने खुलकर मोर्चा खोल दिया था। मंत्री आशीष पटेल ने उन पर चुनाव प्रभावित करने का आरोप लगाया था।

  1. मोनिका रानी (DM बहराइच से हटाईं गईं)

कारण: 27 अधिकारियों का वेतन रोका, कर्मचारियों का विरोध - मोनिका रानी ने कांवड़ यात्रा में लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई और 27 अफसरों का वेतन रोक दिया। साथ ही डीपीआरओ से विवाद भी हुआ, जिसके बाद उनके खिलाफ धरना-प्रदर्शन हुआ। नई पोस्टिंग: विशेष सचिव, बेसिक शिक्षा विभाग।

  1. कृष्णा करुणेश (DM गोरखपुर से नोएडा भेजे गए)

कारण: PAC सिपाही विवाद और तीन साल का कार्यकाल - PAC ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनी महिला सिपाही से जुड़े विवाद के बाद उनका ट्रांसफर हुआ। नई पोस्टिंग: अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नोएडा।

  1. दीपक मीणा (DM गाजियाबाद से गोरखपुर पहुंचे)

कारण: कांवड़ यात्रा की सफल निगरानी और जनसुनवाई में सक्रियता - जनता में लोकप्रियता और बेहतर प्रशासनिक कामकाज के चलते दीपक मीणा को गोरखपुर जैसे महत्वपूर्ण जिले की जिम्मेदारी मिली।

  1. आलोक सिंह (DM कानपुर देहात से हटाए गए)

कारण: मंत्री प्रतिभा शुक्ला को नहीं मना पाए - अकबरपुर कोतवाली में इंस्पेक्टर को हटाने को लेकर मंत्री और डीएम के बीच विवाद हुआ। नई पोस्टिंग: राज्य संपत्ति अधिकारी।

  1. मेधा रूपम (DM कासगंज से गौतमबुद्धनगर भेजीं गईं)

कारण: उत्कृष्ट प्रशासनिक कार्य - कासगंज में शानदार कामकाज के बाद उन्हें नोएडा जैसे महत्वपूर्ण जिले का डीएम बनाया गया।

  1. रविंद्र मंदर (DM प्रयागराज से गाजियाबाद पहुंचे)

कारण: महाकुंभ की सफल व्यवस्थाएं - प्रयागराज में मेला क्षेत्र की बेहतरीन व्यवस्था संभालने के कारण उन्हें तरक्की मिली।

  1. मनीष वर्मा (DM गौतमबुद्धनगर से प्रयागराज भेजे गए)

कारण: ढाई साल का कार्यकाल पूरा - गौतमबुद्धनगर में लंबे समय तक सेवा देने के बाद अब उन्हें प्रयागराज भेजा गया है।

  1. गौरव दयाल (अयोध्या कमिश्नर से सचिव, गृह विभाग बने)

कारण: शासन में अहम जिम्मेदारी - गौरव दयाल को शासन ने गृह विभाग का सचिव बनाया है, जो शासन स्तर की बड़ी जिम्मेदारी मानी जाती है।

ब्रजभूषण से तकरार में हटीं DM नेहा शर्मा

गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा को उनके पद से हटा दिया गया है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यह तबादला कैसरगंज के पूर्व सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह और उनके परिवार से बढ़ती तकरार के चलते हुआ है। बताया जा रहा है कि नेहा शर्मा, ब्रजभूषण सिंह, उनके सांसद बेटे करण भूषण और विधायक प्रतीक भूषण सिंह को तवज्जो नहीं दे रही थीं, जिससे राजनीतिक असंतोष बढ़ता गया। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ब्रजभूषण सिंह के बीच रिश्तों में आई गर्मजोशी के बाद यह तबादला और भी अहम माना जा रहा है। हालांकि शासन का आधिकारिक पक्ष यह है कि नेहा शर्मा दो वर्षों से अधिक समय से इस पद पर कार्यरत थीं, इसलिए यह बदलाव सामान्य प्रक्रिया के तहत हुआ है।

उत्तर प्रदेश की अफसरशाही में ये बदलाव केवल प्रशासनिक नहीं बल्कि राजनीतिक और प्रदर्शन आधारित निर्णयों का मिश्रण हैं। योगी सरकार साफ संकेत दे रही है कि या तो काम करो, या हटो। कुछ को बेहतर काम का इनाम मिला, तो कुछ को शिकायतों और सत्ता समीकरणों के कारण कुर्सी गंवानी पड़ी।