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लखनऊ। स्मृति उपवन के प्रबंधक पर जमानत राशि देने वापस करने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। इस बाबत शनिवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव व स्मारक समिति के मु य प्रबंधक से लिखित शिकायत की। शिकायकर्ता ने कहा कि रिश्वत न मिलने की वजह से उनके धनराशि नहीं दी जा रही है। मामले में एलडीए सचिव ने प्रबंधक से स्पष्टीकरण तलब किया है।
शनिवार को नमित दुबे व प्रदीप सिंह ने एलडीए सचिव से मुलाकात की। उन्होंने स्मृति उपवन के प्रबंधक डॉ. आशीष कुमार पर रुपए के लालच में जमानत राशि की अदायगी न करने की बात कही। अपने शिकायती पत्र में उन्होंने कहा कि उनकी ओर से अप्रैल माह में स्मृति उपवन में एक कार्यक्रम कराया गया था। इसके लिए उपवन की बुकिंग करायी गई थी जिसकी जमानत धनराशि 21,600 रुपए को अवमुक्त कराने के लिए बीते माह की 11 तारीख को प्रार्थना पत्र दिया गया था। प्रबंधक डॉ. आशीष कुमार के द्वारा पिछले एक माह से प्रार्थना पत्र दबा लिया गया है। इस दौरान उनकी ओर से अलग से कुछ रुपयों की मांग की गई थी। ऐेसे में प्रार्थना पत्र रोकने का कारण भी धनराशि ही है। साथ ही उन्होंने प्रबंधक पर शालीनता से बात न करने के भी आरोप लगाए।
मुख्य प्रबंधक, स्मारक समिति जय शंकर दुबे ने बताया कि शिकायत प्राप्त हुई है। मामले में डॉ. आशीष से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। प्रार्थना पत्र को रोकने जैसा कार्य किसी को नहीं करना चाहिए।
प्रबंधक, स्मारक समिति डॉ. आशीष कुमार ने कहा कि उनके पास 13 तारीख का पत्र पहुंचा। उसके अगले ही दिन मैंने कार्रवाई कर उसे आगे बढ़ा दिया। जानकारी के अनुसार, अकाउंट सेक्शन में पत्र रुका है। मेरी कोई गलती नहीं है।
बताते चलें कि स्मारक समिति प्रबंधक डॉ. आशीष पर शालीनता से बात न करने और दुर्व्यवहार करने का भी आरोप लगाया गया है।
Published on:
08 Oct 2017 12:42 pm
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