
जेल में महिला कैदियों की जिंदगी
हमारे आस- पास हमने पुरुषों को अपराध करने पर उन्हें जेल जाते तो देखा है लेकिन समाज में बहुत कम ऐसा होता है कि कोई महिला जेल जा रही है। महिलाओं की जेल में कैसी होती है जिंदगी इस बारें में हर कोई जानना चाहता है। दरअसल जेल के चार दीवारों में एक महिला कैदी की जिंदगी बहुत ही ख़राब हालत में होती है। महिलाओं को हर वक्त प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को अपने हक़ के लिए भी कई बार जेल में लड़ना भी पड़ता है।
हर साल बढ़ती महिला कैदियों की संख्या
जेल में महिला कैदियों की संख्या साल दर साल बढ़ती ही जा रही है। जितनी महिला कैदी आती है उनकी उम्र लगभग 30 से 50 के बीच होती है। जेल के अंदर महिलाओं को शारीरिक प्रताड़ना के साथ साथ मानसिक प्रताड़ना का भी सामना करना पड़ता है। इस प्रताड़ना में भीड़भाड़, सफाई और स्वच्छता, खराब स्वास्थ्य स्थिति और पोषण, गर्भावस्था और बच्चों की देखभाल, शिक्षा की कमी और हिंसा शामिल हैं।
फ्री क़ानूनी मदद का आभाव
जेल में ज्यादातर कैसे महिलाएं आती है जो आर्थिक रूप से बहुत ही कमजोर होती है। उनके पास इतने पैसे नहीं होते है की वो कोर्ट और वकील को पैसे देकर अपने लिए लड़ाई लड़ सके। जितनी महिलाएं आती है उनमें से ज्यादातर कम पढ़ी लिखी होती है जो वास्तव में अपने अधिकारों के बारे में कुछ नहीं जानती है। ऐसी स्थित में जेल के अंदर उनका भरपूर शोषण होता है। वैसे तो भारत के संविधान में मुफ्त कानूनी सलाह और मदद दोनों का प्रावधान है लेकिन ज्यादातर महिलाएं इस बात से अनजान है।
जेल के अंदर असमानता
जेल के अंदर महिला कैदियों के साथ हमेशा असमानता का व्यवहार किया जाता है। जो महिला कैदी बहुत समय से जेल में रह रही है वो नए महिला कैदियों से ही अपना सारा काम कराती है। उन महिलाओं का पूरे जेल में दबदबा होता है। जेल के कर्मचारी भी महिलाओं के साथ सही बर्ताव नहीं करते है। पीरियड्स के समय महिलाओं को बहुत सीमित मात्रा में सैनेटरी पैड्स दिए जाते है। कुछ भी बिमारी होने पर सिर्फ पैरासिटामॉल ही दिया जाता है।
Published on:
02 Apr 2023 02:25 pm
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