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अब यूपी की जेलों में कैदियों को मिलेगा दूध-दही, लस्सी और चना

नई व्यवस्था के तहत दैनिक उपयोग के लिए अब 20 चीजों की नई लिस्ट जारी की गई है।  

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अब यूपी की जेलों में कैदियों को मिलेगा दूध-दही, लस्सी और चना

लखनऊ. यूपी सरकार सूबे की जेलों में बंद कैदियों की सेहत को लेकर चिंतित दिख रही है। उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को अब तिहाड़ जेल की तर्ज पर दूध-दही, लस्सी, चना और घी खाने को मिलेगा। शासन ने कैंटीन व्यवस्था में बदलाव करते हुए यह नई व्यवस्था शुरू की है। लेकिन यह कैदियों को मुफ्त में नहीं मिलेगी बल्कि जेलों के बंदी यह सभी चीजें खरीदकर इस्तेमाल कर सकेंगे।

प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार की ओर से भेजे गए निर्देश में कहा गया है कि पहले 13 तरीके के पके हुए खाद्य पद्वार्थ की अनुमति दी गई थी। इसमें कई तरह की अनियमितताएं मिलीं हैं। इसलिए इन्हें अब प्रतिबंधित किया जा रहा है। नई व्यवस्था के तहत दैनिक उपयोग के लिए अब 20 चीजों की नई लिस्ट जारी की गई है। इसमें किसी जानी-मानी कंपनी के पैक्ड दही-लस्सी, दूध-म_ा, पैक्ड बिस्कुट-नमकीन, टूथपेस्ट-ब्रश, पैक्ड अचार, साबुन, सरसो-नारियल-आंवला तेल प्लास्टिक पैक में, चना, ब्रांडेड पॉलीपैक में घी, ब्रेड-बन, पैक्ड लाइया-चना, बनी हुई चाय, ***** पॉलिश-कच्छा, बनियान, चप्पल-जूता, रूमाल-तौलिया-गमछा, मोजे एवं मच्छर क्वायल-क्रीम की उपलब्धता होगी। बंदी यह खरीद कर इस्तेमाल कर सकेंगे।

आग से बचाव को लगाए गए नए उपकरण
प्रदेश की जेलों में आग से बचाव के लिए और भी पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके तहत यूपी की हर जेल में एक-एक हाई प्रेशर वाटर मिस्ट बैकपैक सिस्टम और प्रत्येक संवेदनशील और महत्वपूर्ण स्थान पर फायर ंस्टिंग्यूशर स्थापित किया जा रहा है। हाई प्रेशर वाटर मिस्ड बैकपैक सिस्टम से हर तरीके से आग पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसको पेठ पर रख कर कहीं भी आसानी से लाया ले जाया जा सकता है। इसको देखते हुए यह उपकरण सभी स्थानों के लिए उपयोगी है। पिछले साल तीस जेलों में यह सिस्टम और 1059 फायर इंस्टिंगयूशर स्थापित किए जाने के क्रम में बाकी रह गए 40 जेलों में एक-एक हाई प्रेशर वाटर मिस्ट बैकपैक सिस्टम और 185 फायर इंस्टिंगयूशर लगवाए गए हैं।