आजम खान यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। इसके साथ ही रामपुर की जौहर यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर के पद का काम भी सीधे तौर पर देख रहे हैँ। कानून किसी भी व्यक्ति को परोक्ष या अपरोक्ष रूप से एक साथ लाभ के दो पदों पर काबिज होने की इजाजत नहीं देता है। दाखिल याचिक अर्जी के मुताबिक यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर का पद लाभ के पद की श्रेणी में आता है। संविधान के अनुच्छेद 191 के तहत लाभ के एक पद पर रहते हुए कोई भी व्यक्ति विधायक निर्वाचित नहीं हो सकता। ऐसे में वाइस चांसलर रहते हुए आजम खान संवैधानिक तौर पर मंत्री पद के लिए भी अयोग्य हो जाते हैं। याचिका में मांग की गई है कि आजम खां के चुनाव को अवैध घोषित कर दिया जाए। उन्होंने लाभ के पद पर रहते हुए विधायक का चुनाव जीता, जो हर तरह से गलत है।