गुटबाजी का आलम यह है कि प्रदेश भी अपने केन्द्रीय नेताओं का अनुशरण करते हुए जिले से लेकर प्रदेश तक के वरिष्ठ नेताओं को बैरक में बैठा रखा है। इन वरिष्ठ में पूर्व मंत्री लाल जी टंडन, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी, सूर्य प्रताप शाही, ओम प्रकाश सिंह, पूर्व राष्ट्रीय मंत्री विनोद पांडेय, पूर्व मंत्री बालेश्वर त्यागी, विधान परिषद के पूर्व नेता विंध्वासनी कुमार, पूर्व विधान परिषद सदस्य जय प्रकाश चतुर्वेदी, पूर्व मंत्री ब्रिजेश शर्मा, अनिल तिवारी, पूर्व सांसद अष्टभुजा शुक्ला, पूर्व महामंत्री राम नरेश अग्रिहोत्री, पूर्व मंत्री प्रेम लता कटियार जैसे वरिष्ठ नेताओं को हाशिये पर डाल दिया गया है।