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जवाब सुन बौखला गया कारपेंटर, और ठहाके लगाते हुए डॉक्टर की पत्नी को मार डाला

यूपी की राजधानी लखनऊ में बुधवार को एक कारपेंटर ने एक व्यापारी की पत्नी की हत्या कर दी। वो भी ठहाके लगाते हुए। जिसने भी इस घटना को सुना उसका दिल दहल गया।

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जवाब सुन बौखला गया कारपेंटर, और ठहाके लगाते हुए डॉक्टर की पत्नी को मार डाला

जवाब सुन बौखला गया कारपेंटर, और ठहाके लगाते हुए डॉक्टर की पत्नी को मार डाला

लखनऊ. आपका दिल दहल जाएगा। जब आप सुनेंगे यह खबर। सावधान...। घर में अगर कोई मजदूर काम कर रहा है तो सतर्क हो जाएं। यूपी की राजधानी लखनऊ में बुधवार को एक कारपेंटर ने एक व्यापारी की पत्नी की हत्या कर दी। वो भी ठहाके लगाते हुए। जिसने भी इस घटना को सुना चौंक गया और घबरा गया।

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पैसे नहीं दे रहे थे :- यह सनसनीखेज वारदात गोमती नगर के विश्वास खंड की है। जहां उनके घर में काम कर रहे आरोपी कारपेंटर ने व्यापारी डॉ हर्ष अग्रवाल की पत्नी रुचि अग्रवाल (38 वर्ष) का बड़ी बेरहमी से कत्ल कर दिया। रुचि जान बचाने के लिए संघर्ष करती रही। मगर आरोपी कारपेंटर था कि ठहाके लगाते हुए वार करता रहा। गोमतीनगर पुलिस ने गुलफाम को उसके ठाकुरगंज स्थित घर से दबोच लिया। पूछताछ में उसने बताया कि बिजनेस के लिए रकम देने से मना करने से वह नाराज था।

जवाब सुन बौखला गया कारपेंटर :- बुधवार सुबह डॉ. हर्ष अग्रवाल ट्रांसपोर्ट नगर स्थित दफ्तर चले गए। डॉ. हर्ष अग्रवाल आईटीसी कंपनी के स्टॉकिस्ट हैं। दोपहर करीब ढाई बजे पत्नी रुचि ने पति को फोन किया था। उस वक्त रुचि दूसरी मंजिल पर बने कमरे में मौजूद थीं। दम्पति बच्चों की पढ़ाई को लेकर बात कर रहे थे। तभी कारपेंटर गुलफाम कमरे में पहुंचा। वह रुचि से रुपए मांगने लगा। रुचि ने हर्ष के घर आने के बाद बात करने के लिए कहा। यह सुनते ही गुलफाम का दिमाग खराब हो गया और उसने चाकू निकाल लिया। बढ़ई के हाथ में चाकू देख रुचि चीख पड़ी। उनके हाथ से मोबाइल छूटकर जमीन पर गिर पड़ा। मां की चीख सुनकर प्रियांशी और वामिका कमरे में पहुंची। प्रियांशी वहां से चली गई थी, जबकि वामिका को गुलफाम ने पकड़ लिया था। इस पर ही रुचि उससे भिड़ गई और बढ़ई ने उनकी हत्या कर दी।

ढाई महीने से कारपेंटर कर रहा था काम :- डॉ. हर्ष अग्रवाल मूल रूप से गणेशगंज निवासी हैं। पिछले चार माह से पत्नी रुचि, बेटी प्रियांशी, वामिका और नौकर नंदलाल के साथ विश्वासखंड 1/39 में रह रहे थे। एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद डा. हर्ष प्रैक्टिस की जगह आईटीसी कम्पनी से जुड़ गए। उन्होंने घर का फर्नीचर बनवाने के लिए ठेकेदार कमरुद्दीन की मदद से गुलफाम को काम पर रखा था। ढाई महीने से गुलफाम और उसका साथी तलामुद्दीन घर पर काम कर रहे थे।