
Saadatganj police
Lucknow Crime: लखनऊ के सआदतगंज में एक महिला ने अपनी 14 वर्षीय बेटी के साथ कबाड़ी पर दुष्कर्म के प्रयास का गंभीर आरोप लगाया था, लेकिन पुलिस की जांच में मामला पुरानी रंजिश का निकला। महिला ने थाने में तहरीर देकर आरोपित कबाड़ी पर अपनी बेटी से दुष्कर्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। महिला के आरोप के बाद कबाड़ी को हिरासत में लिया गया, लेकिन जब मामले की जांच में सच्चाई सामने आई, तो महिला ने थाने से भागकर अपनी साजिश का खुलासा किया। यह घटना न केवल एक गहरी साजिश को उजागर करती है, बल्कि समाज में कुछ लोगों की मानसिकता को भी सामने लाती है, जो झूठे आरोप लगाकर निर्दोष लोगों को परेशान करते हैं।
रविवार को सआदतगंज की एक महिला अपनी बेटी के साथ थाने पहुंची और कबाड़ी पर दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगाया। महिला ने बताया कि उसने अपनी बेटी को सोमवार शाम को कबाड़ी की दुकान पर भेजा था, जहां आरोपी ने उसकी बेटी से दुष्कर्म करने का प्रयास किया। महिला के अनुसार जब बेटी ने चिल्ला कर विरोध किया, तो आरोपित ने उसे जान से मारने की धमकी दी। महिला की तहरीर पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और कबाड़ी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की।
इंस्पेक्टर बृजेश सिंह ने बताया कि पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत पड़ोसियों और महिला के रिश्तेदारों से पूछताछ की। इस पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि महिला और कबाड़ी के बीच पहले से ही रंजिश थी। दो साल पहले महिला ने अपनी बहन के साथ विवाद के चलते उसकी बहन का कान काट लिया था, जिसके बाद कबाड़ी ने महिला और तीन अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि, बाद में दोनों पक्षों ने आपसी समझौता कर लिया था।
इसके बाद पुलिस ने यह भी जाना कि महिला के खिलाफ कोर्ट से सम्मन जारी हुआ था, और महिला को यह संदेह था कि कबाड़ी ने ही यह सम्मन जारी कराया है। इस बात से नाराज महिला ने अपने गुस्से को शांत करने के लिए कबाड़ी पर झूठा आरोप लगाने की साजिश रची थी।
जब पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ कि महिला ने जानबूझकर कबाड़ी पर झूठा आरोप लगाया था, तो महिला ने थाने से भागने की कोशिश की। पुलिस के लिए यह स्थिति और भी जटिल हो गई, क्योंकि महिला ने अचानक से अपने बयान को बदलते हुए थाने से भागने का प्रयास किया। अब पुलिस महिला की तलाश कर रही है और उसके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
यह घटना समाज में कुछ लोगों की मानसिकता को उजागर करती है, जो बिना किसी सच्चाई के निर्दोष लोगों को फंसा देते हैं। समाज में इस तरह के आरोपों से सावधान रहने की आवश्यकता है, खासकर जब मामला पुरानी रंजिश का हो। महिलाओं को इस प्रकार की झूठी साजिशों से बचने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए, ताकि समाज में शांति और न्याय बना रहे। साथ ही, हमें यह समझना चाहिए कि किसी पर भी झूठे आरोप लगाने से न सिर्फ उस व्यक्ति की इज्जत को नुकसान पहुंचता है, बल्कि पूरे समाज में अविश्वास भी फैलता है।
इस मामले से यह भी साफ है कि हर आरोप की सही तरीके से जांच करना जरूरी है, ताकि निर्दोष व्यक्ति को किसी सजा का सामना न करना पड़े। यदि कोई झूठा आरोप लगाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए खुद को सशक्त बनाना चाहिए और ऐसी साजिशों से बचने के लिए जागरूक रहना चाहिए। साथ ही, झूठे आरोपों और साजिशों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि समाज में महिलाओं के अधिकारों का सही सम्मान हो और वे अपने जीवन को स्वतंत्र रूप से जी सकें। समानता और न्याय की लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि समाज में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और हर व्यक्ति को उसकी इज्जत और अधिकार मिले।
Updated on:
03 Dec 2024 10:51 am
Published on:
03 Dec 2024 09:16 am
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