Digital Arrest: साइबर ठगों ने उत्तर प्रदेश के पीजीआइ, लखनऊ अस्पताल की डॉक्टर रुचिका टंडन को डिजिटल अरेस्ट कर 2.81 करोड़ रुपए ठग लिए। यह डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड का अब तक का सबसे बड़ा मामला बताया जा रहा है। साइबर ठगों ने डॉक्टर रुचिका टंडन को सात दिन तक झांसे में रखकर धीरे-धीरे रकम हड़पी। डॉक्टर ने कई दिन बाद इंटरनेट पर इसी तरह के ठगी के कई मामले देखे तो पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
मानव तस्करी व मनी लॉन्ड्रिंग केस में शामिल होने बात कह डराया
डॉक्टर टंडन ने बताया कि कुछ दिन पहले सुबह आठ बजे फोन आया कि उनके नंबर पर साइबर सेल में लोगों को परेशान करने वाले मैसेज के कई केस दर्ज हैं। उन्होंने कॉल ट्रांसफर कर कथित आइपीएस अधिकारी से बात कराई। इस फर्जी अधिकारी ने टंडन को बताया कि उनके बैंक खाते पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस है। उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश मुंबई से मिला है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है, इसलिए इसे गोपनीय रखना है। आपको डिजिटल कस्टडी में रहना होगा।
वीडियो पर आरोपी रखते थे निगरानी
डॉक्टर ने बताया कि इसके बाद अगले छह-सात दिन तक ऑनलाइन तरीके से कोर्ट में फर्जी केस चलाया गया। एक नया फोन खरीदवाया गया और उस पर वीडियो कॉल के ऐप डाउनलोड करवा दिए। वीडियो पर आरोपी निगरानी रखते थे। ठगों ने अलग-अलग बैंक खाते के नंबर दिए और कहा कि इन खातों में पैसे भेजिए। जांच में आप निर्दोष निकलीं तो पैसे वापस आ जाएंगे। चिकित्सक ने रकम भेज दी।
डॉक्टर ने बताया कि सात-आठ दिन बाद कुछ न्यूज रिपोर्ट देखने के बाद उन्हें समझ आया कि उनके साथ ठगी हो गई है। साइबर ठगों ने उन्हें फेक आइडी दिखाए थे। इस दौरान सब कुछ वास्तविक जांच की तरह पेश किया गया, उन्हें शक नहीं हुआ। पीजीआइ थाने जाने के बाद पता चला कि ऐसी ठगी बहुत आम हो चुकी है। डॉक्टर ने गोमती नगर साइबर थाने में केस दर्ज कराया है।
Hindi News/ Lucknow / PGI की डॉक्टर से 2.81 करोड़ की ठगी, CBI अफसर बनकर 7 दिन तक किया ‘Digital Arrest’