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किसानों के लिए खुशखबर, यूपी में 6000 क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद शुरू, तीन दिन में होगा भुगतान

पूरे उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल से गेहूं खरीद (wheat procurement Start) शुरू 6000 क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद 15 जून तक चलेगाएक कुंतल गेहूं के लिए 1975 रुपए देगी सरकार मुख्य सचिव के सख्त निर्देश, गेहूं खरीद का तीन दिन में भुगतान करें

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किसानों के लिए खुशखबर, यूपी में 6000 क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद शुरू, तीन दिन में होगा भुगतान

किसानों के लिए खुशखबर, यूपी में 6000 क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद शुरू, तीन दिन में होगा भुगतान

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

लखनऊ. पूरे उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल से गेहूं खरीद (wheat procurement Start) शुरू हो गई है। 6000 क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद एक अप्रैल से शुरू होकर 15 जून चलेगा। इस बार सरकार किसानों को एक कुंतल गेहूं के लिए 1975 रुपए देगी। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य पिछले साल के तुलना में पचास रुपए बढ़ाकर 1975 रुपए प्रति कुंतल (MSP) किया गया है। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने सख्त निर्देश देते हुए कहाकि, गेहूं खरीद का तीन दिन में भुगतान किया जाए।

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किसानों का तीन दिन में भुगतान :- गेहूं खरीद तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहाकि, एक अप्रैल से क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद शुरू हो रहा है। उन्होंने सम्बंधित अफसरों को सख्त निर्देश दिया है कि किसानों का तीन दिन में भुगतान करें। साथ ही चेतावनी दी कि, क्रय केंद्र पर अगर बिचौलिए पकड़े गए तो उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएं और कड़ी कार्रवाई करें। क्रय केंद्रों पर कोविड-19 गाइडलाइन का पालन अनिवार्य है, इसमें किसी भी प्रकार की ढील नहीं होगी। मुख्य सचिव ने कहा कि एमएसपी के तहत गेहूं खरीद के लिए इस वर्ष ऑनलाइन टोकन की व्यवस्था की गई है घटतौली की शिकायत किसी भी दशा में न आने पाए।

55 लाख मीट्रिक टन टारगेट :- उत्तर प्रदेश गेहूं उत्पादन में करीब 35 फीसदी योगदान देने वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बार 55 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का टारगेट रखा है। बीते वर्ष भी इतना ही लक्ष्य था। पर वह लक्ष्य (36 लाख टन) मुश्किल से पूरा हुआ। खरीद केंद्र तहसीलों, ब्लॉकों, मंडी परिसर केंद्र और पंचायत भवन आदि में बनाए गए हैं। स्टेट कोऑपरेटिव फेडरेशन द्वारा 3500 केंद्र संचालित किए जाएंगे।

पंजीकरण जरूरी नहीं तो गेहूं नहीं बिकेगा :- अपर आयुक्त संतोष कुमार के अनुसार, रबी विपणन वर्ष 2021-22 में सरकारी गेहूं की बिक्री के लिए किसानों को खाद्य विभाग के पोर्टल fcs.up.nic.in पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। किसान अपना पंजीकरण खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट पर जनसुविधा केंद्र या स्वयं करा सकते हैं। पंजीकरण 1 मार्च से शुरू हो गया था। पंजीकरण के लिए जोत-बही, खसरा, भूमि/फसल का रकबा, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर देना होगा। वहीं करीब 100 कुंतल गेहूं की बिक्री करने वाले किसान को खरीद से पहले, उपजिलाधिकारी से सत्यापन कराना होगा। साथ ही किसानों को अपना बैंक खाता सीबीएसयुक्त शाखा में खुलवाना पड़ेगा। जिसमें पीएफ एमएस के माध्यम से तुरंत खाते में भुगतान जा सकेगा।

ई-पॉप मशीनों से होगी गेहूं खरीद :- सरकार पहली बार गेहूं खरीद ई-पॉप (इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ पर्चेज) मशीनों से कर रही है। एफसीआई, पीसीयू, पीसीफ, एसएफसी सहित कुल सात एजेंसियां गेहूं खरीद के लिए तय की गई हैं। खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि, गेहूं खरीद में पारदर्शिता रहे इसलिए क्रय केंद्रों पर ई-पॉप (इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ परचेज) मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। किसान को गेहूं बेचने के लिए बायोमीट्रिक मशीन पर अपने अंगूठे की छाप लगानी होगी। किसान किन्हीं कारणों से क्रय केंद्र पर नहीं आ पाता है तो उसे अपने परिवार के किसी सदस्य का आधार नंबर देना होगा।

खाद्य एवं रसद विभाग का विशेष ऐप :- किसानों का राहत देने के लिए खाद्य एवं रसद विभाग ने एक विशेष ऐप तैयार किया है। इस ऐप से किसान अपने निकटतम क्रय केंद्र की लोकेशन भी जान सकेंगे। ऐप से क्रय केेंद्र प्रभारी, उसका फोन नंबर तथा केंद्र तक पहुंचने का मार्ग भी पता चल सकेगा।