
लेवाना सुइट्स होटल अग्निकांड पर हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान
राजधानी लखनऊ में होटल लेवाना सुइट्स में लगी आग में चार लोगों की मौत मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने स्वतः संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने संबंधित विभागों से एनओसी के बिना राज्य की राजधानी में हाई राइज कार्मिशियल कॉम्प्लेस और होटलों के निर्माण की जांच नहीं कर पाने पर राज्य के अधिकारियों की विफलता पर नाराजगी व्यक्त की। हाईकोर्ट ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और लखनऊ के मुख्य अग्निशमन अधिकारी को निर्देश दिया कि, वह अग्निशमन विभाग से एनओसी के बिना शहर में निर्मित भवनों का विवरण की रिपोर्ट पेश करें। जस्टिस राकेश श्रीवास्तव और जस्टिस बी आर सिंह ने घटना का स्वत संज्ञान लेते हुए आदेश पारित किया। ऐसी संभावना बताई जा रही है कि, रिपोर्ट मिलने के बाद हाईकोर्ट इस पर बड़ा एक्शन भी ले सकती है।
कई समाचार रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने इस अग्निकांड घटना से संबंधित कई समाचार रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया। हाईकोर्ट ने संभागीय आयुक्त रोशन जैकब के मीडिया में दिए गए उस बयान पर भी गौर किया, जिसमें कहा गया कि, होटल को अग्निशमन विभाग से एनओसी मिली थी, जबकि इमारत में उचित अग्नि प्रबंधन प्रणाली नहीं थी।
22 सितंबर को एलडीए वीसी तलब
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में एलडीए के वीसी से यह स्पष्ट करने को कहा कि, शहर में कितनी इमारतें हैं। जिन्हें फायर एनओसी नहीं दी जानी चाहिए थी, वे इसे हासिल करने में सफल रहीं। हाई कोर्ट ने एलडीए वीसी को 22 सितंबर को जरूरी ब्योरे के साथ तलब किया है।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी से मांगा ब्यौरा
अदालत ने मुख्य अग्निशमन अधिकारी से उन इमारतों का ब्योरा भी मांगा है, जिनमें आग लगने की स्थिति से निपटने के लिए उचित निकास और आवश्यक उपकरण नहीं हैं।
Published on:
09 Sept 2022 02:01 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
