
Lucknow metro
लखनऊ. नॉर्थ-साउथ कॉरीडोर के 23 किलोमीटर का रूट तेजी से तैयार किया जा रहा है। मार्च 2019 तक इस लक्ष्य को पूरा करना है। यदि ऐसा होता है तो लखनऊ मेट्रो दिल्ली मेट्रो (फेज1) के बाद पहली ऐसी मेट्रो होगी जो समय से अपना कार्य पूरा करेगी। प्रेस वार्ता के दौरान लखनऊ मेट्रो के अधिकारियों ने शहर वासियों से अपील की वे मेट्रो रुट पर पतंग न उड़ाएं। दरअसल इससे मेट्रो की ओवर हेड वायर यानी बिजली तार को नुक्सान पहुँचता है। लेकिन इससे भी बड़ी चिंता है कि चाइनीज़ मांझे के प्रयोग के चलते पतंग उड़ाने वालों की जान खतरे में है। दरअसल 25 किलोवाट की ओएचई की चपेट में आने पर स्थिति गंभीर हो सकती है।
लखनऊ मेट्रो के एमडी कुमार केशव ने कहा कि दुर्गापुरी से आलमबाग स्टेशन के बीच अक्सर ऐसे मामले संज्ञान में आरहे हैं। इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ दो एफआईआर भी दर्ज कराइ गई है। लोगों को इससे होने वाले नुकसान को समझना होगा।
348 पदों पर होंगी भर्तियां
मेट्रो अधिकारियों ने जानकारी दी कि कुछ ही दिनों में 21 केटेगरी में 348 पदों पर भर्तियां निकलने जा रही हैं। पूरे 23 किलोमीटर के रुट पर कुल 624 पद हैं। इसमें परीक्षा के आधार पर चयन होगा।
15 अप्रैल तक मेट्रो के अंडरग्राउंड स्टेशन का प्लेटफार्म लेवल पर सिविल काम खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा मेट्रो एप को भी अगले महीने तक लांच किया जा सकता है। प्रायोरिटी फेज के मेट्रो स्टेशन पर भी कमर्शियल गतिविधियां शुरू करने के लिए टेंडर प्रक्रिया कर ली गई है। जल्द ही यहाँ भी चाय कॉफी मिलने लगेंगी।
समिट में मेट्रो का होगा स्टाल
लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन इन्वेस्टर समिट के दौरान स्पेशल स्टॉल लगवा रहा है। जानकारों की माने तो नई मेट्रो पॉलिसी से भी निवेशकों को फायदा होगा। नई मेट्रो पॉलिसी में प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप में सबसे अधिक फोकस किया गया है। ऐसे में प्रदेश सरकार भी चाहेगी कि अधिक से अधिक प्राइवेट ग्रुप मेट्रो निर्माण में दिलचस्पी दिखाएं।
Published on:
15 Feb 2018 08:28 pm
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