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सूबे में लगातार नकली दवा पाई जा रही है। योगी सरकार ने नकली दवा निर्माताओं और मिलावटखोरों के खिलाफ जंग छेड़ दी है। अब नकली दवा निर्माताओं पर अंकुश लगाने के लिए यूपी सरकार ने खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) को दवाओं और खाद्य पदार्थो के सैंपल की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत जल्द हर साल अब 20 हजार सैंपल लिए जाएंगे। पांच साल पहले आठ हजार से भी कम नमूने लिए जाते थे। एफएसडीए ने 24 से एक सितंबर तक चले ड्रग माफिया के खिलाफ अभियान में करीब 32 लाख नकली दवाएं सीज की हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, योगी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में एफएसडीए ने 83 करोड़ रुपए की नकली दवाएं सीज की और सात हजार से अधिक दवा लाइसेंस निरस्त किए गए हैं। इसके साथ ही 770 आरोपी गिरफ्तार किए हैं।
छह माह में 174 छापेमारी
अनिता सिंह ने बताया कि, इस साल आठ मार्च से एक सितंबर तक 174 छापेमारी की गई है और करीब छह करोड़ रुपए की नकली दवाएं सीज की हैं। बिना लाइसेंस और नकली औषधि में 66 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है।
छह मंडलों में एफएसडीए लैब संचालित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल में एफएसडीए को प्रदेश में प्रयोगशालाओं की क्षमताओं को बढ़ाने के निर्देश दिए थे। इसके तहत मेरठ, वाराणसी और आगरा की प्रयोगशालाएं अपग्रेड हुई हैं। फिलहाल, प्रदेश के छह मंडलों लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, आगरा, झांसी और गोरखपुर में एफएसडीए की लैब संचालित हैं। 12 अन्य मंडलों में 934 करोड़ रुपए की लागत से एफएसडीए की प्रयोगशालाओं का निर्माण हो रहा है। आने वाले डेढ़ वर्ष में निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इसके अलावा प्रदेश के दो जिलों के बीच एक सचल खाद्य प्रयोगशाला का संचालन भी किया जाएगा। और हर साल 60 हजार खाद्य नमूने लिए जाएंगे।
एफएसडीए ने पकड़ी दवा फैक्ट्री
एफएसडीए ने अलीगढ़ में हाल ही में 30 अगस्त को बिना लाइसेंस संचालित एक होम्योपैथिक दवा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था। जिसमें 25 लाख की पशुओं की दवा और फूड सप्लीमेंट बरामद किए गए थे। साथ ही दवाओं की जांच के लिए छह नमूने लिए गए और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
Published on:
05 Sept 2022 01:21 pm
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